नवी मुंबई। महावीर इंटरनेशनल नवीमुंबई द्वारा मानव सेवा सहायतार्थ ” एक शाम देश के नाम” देश भक्ति कवि सम्मेलन का शानदार आयोजन वाशी के विष्णुदास भावे नाट्यगृह में संपन्न हुआ। इस अवसर पर मुख्य अथिति आमदार श्री गणेश जी नाईक, श्री के.के. तातेड़( पूर्व न्यायाधीश, हाई कोर्ट मुंबई एवम अध्यक्ष मानवाधिकार आयोग, महाराष्ट्र) एवम् श्री महेंद्र महाजन (धर्मादाय आयुक्त, महाराष्ट्र) अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
दीप प्रज्वलन के बाद वीर श्री बलवंत चोरड़िया (अध्यक्ष, महावीर इंटरनेशनल, नवीमुंबई) ने उपस्थित आगंतुक मेहमानों और श्रोताओं का स्वागत करते हुए अपने संगठन के द्वारा आयोजित किए गए निशुल्क आंखो की जांच व ऑपरेशन, स्वास्थ्य जांच, पौधारोपण, ब्लड डोनेशन कैंप, बेबी किट, सैनिटरी पैड वितरण एवम स्कूल किट वितरण आदि कई प्रकार के लोकहित एवम सामाजिक सरोकार के कार्यों का उल्लेख करते हुए अपने मूल मंत्र “सभी से प्रेम करो, सभी की सेवा करो” और ” जिओ और जीने दो” सिद्धांतों के अनुरूप अपने उद्देश्यो को बताया, उन्होंने सभी भामाशाहों और सहयोगी संस्थाओं का आभार प्रकट करते हुए सभी से निरंतर सहयोग की अपील की।
सीनियर वाईस प्रेसिडेंट अमृत लाल जैन ने बी अपने विचार रकते हुए सभी का स्वागत किया इस अवसर पर पूर्व न्यायाधीश ने समाज हित को सर्वोपरि बताते हुए सभी को परोपकार के कार्यो को जीवन में उतारने की जरूरत बताया वही धर्मादाय आयुक्त महाजन ने कई चेरिटी और एनजीओ की कार्य प्रणाली का उदाहरण देते हुए उपस्थित जनता से आवाहन किया की गरीब की सेवा से मानसिक शांति मिलती है और छोटे छोटे प्रयास से दुनिया बदल सकती है, इस अवसर पर संस्थाओं के पदाधीकारी तथा गणमान्य समाजसेवक बंधु उपस्थित थे।
एक शाम शहीदों के नाम का आगाज कवियत्री ज्योति त्रिपाठी ने मां वीणा पाणी की वंदना से की तथा उन्होंने ओझ की कविता “तिरंगे पर आंच आए तो अपमान सबका है” और मेवाड़ के इतिहास की त्याग और तपस्या की मूर्ति मां पन्नाधाय पर रचित कविता” पन्ने पन्ने पर लिखी हुई पन्ना की अमर कहानी है” वही दिल्ली से आए कवि कमांडो समोदसिंह ने” नफरत वाली आंधी को हम तूफान नही बनने देंगे” वही मुंबई के लोकप्रिय स्तंभ लेखक, कवि, लेखक महेश दुबे ने अपनी हास्य की कविताओं से हस हस कर लोटपोट कर दिया।
उसी क्रम में भीलवाड़ा से पधारे भारतवर्ष के लोकप्रिय वीर रस के कवि योगेन्द्र शर्मा ने कारोई के कविराज राणावत की डिंगल भाषा में महाराणा प्रताप पर लिखी गई ” कुणी जणा के नी झुकीयो थारो चरणा शीश, अब थारे चरणा झुकै जणा जणा रो शीश” से आगाज करते हुए कश्मीर, पीओके और सैनिकों पर कई कविताओं को सुनाकर हाल में उपस्थित श्रोताओं को देशभक्ति के रंग से सरोबार कर दिया , कार्यकर्म का सफल संचालन बाबूलाल जी बापना ने किया। यह जानकारी प्रवीण चोरड़िया ने दी।
महावीर इंटरनेशनल नवीमुंबई द्वारा ‘एक शाम देश के नाम’ कवि समेलन का ऐतिहासिक आयोजन
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