सिंधनूर (उत्तरी कर्नाटक)। युगप्रधान, शांतिदूत आचार्यश्री महाश्रमणजी के सुशिष्य डॉ मुनिश्री पुलकित कुमारजी , मुनि आदित्य कुमारजी ठाणा 2 का उत्तरी कर्नाटक के प्रमुख क्षेत्र सिंधनूर में मंगल पदार्पण हुआ। शहर प्रवेश के अवसर पर अनेक श्रावक श्राविकाऐं रैली रूप में मुनिश्री के साथ चलकर तेरापंथ भवन पहुंचे। स्वागत कार्यक्रम की शुरुआत मुनिश्री के द्वारा महामंत्रोच्चारण से हुई। श्रीमती समता जीरावला ने मंगलाचरण वैशाली नाहर ने मुनि द्वय का परिचय तथा राजेश नाहर ने नातिले मुनिवर का स्वागत किया। सकल जैन समाज की तरफ से जैनरत्न गौतमजी बोरा ने तथा आनंद जीरावला ने तेरापंथ सभा की तरफ से स्वागत किया। मुनि आदित्य कुमारजी ने विचार प्रकट किए। स्वागत कार्यक्रम में डॉ मुनिश्री पुलकित कुमारजी ने फरमाया कच्छ भुज से लगभग 2200 किलोमीटर की पदयात्रा करते हुए आज हम सिंधनूर पहुंचे हैं। प्रत्येक श्रावक श्राविकाओ को आध्यात्मिक नूर से तेजस्वी बनने का प्रयास करना है। वर्तमान यशस्वी आचार्य महाश्रमणजी के नेतृत्व में हमें और अधिक आध्यात्मिक गति प्रगति करना है। यहां की दो साध्वीयां नैतिक प्रभाजी दर्शितप्रभाजी थे।
डॉ मुनिश्री पुलकित कुमारजी का हुआ सिंधनूर में मंगल पदार्पण
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