मुंबई। आचार्य श्री महाश्रमण की विदुषी शिष्या साध्वी श्रीसंयमलताजी एवं साध्वीव्रंध ने ‘जुहू बीच, टुलिप स्टार लेंड पर आये हुए सभी को संबोधित करते हुए कहा कि बाह्य सुंदरता से अधिक महत्व आंतरिक सुंदरता को दिया जाना चाहिए।
साध्वी श्री ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति बाहरी रुप से तो बहुत सुंदर है, पर यदि उसकी वाणी,व्यवहार और विचार एवं संस्कार सुंदर नही है तो वो सुंदरता बेकार हैं।
आन्तरिक सुन्दरता से व्यक्ति में विनम्रता, सदाशयता, करुणा, दया, क्षमा, सत्यम्-शिवम्-सुंदरम् का भाव आता है। सृष्टि के हर प्राणी में वह परमात्मभाव के दर्शन करता है। जिस पवित्रात्मा का अनुभव वह खुद में करता है वही सृष्टि के हर प्राणी में करता है। वह बुद्धि या मन से संचालित नहीं होता, बल्कि सीधे परमात्मा से संचालित होता है।
साध्वी श्री मार्दव श्री जी ने भी आंतरिक सुंदरता को किस तरह अपने जीवन मे उतारना चाहिए के बारे मे विस्तार से समझाया, उन्होने कहा कि आंतरिक सुंदरता इस बात से दिखाई देती है कि हम अपने और अपने आसपास के लोगों के साथ कैसा व्यवहार करते हैं । यह हमारी शारीरिक बनावट से बहुत आगे निकल जाता है। इसके बजाय, हम दया, करुणा, प्रेम और ईमानदारी जैसे गुणों का प्रदर्शन करके अपनी आंतरिक सुंदरता को प्रदर्शित कर सकते हैं।
तेरापंथी श्रद्धालुओं के अतिरिक्त बीच पर योगा करने वाले जैन – नॉनजैन भाई-बहिनों ने भी इस उपक्रम के साथ जुड़कर अपने आपमें धन्यता का अनुभव किया।
तेरापंथी सभा, अंधेरी के मंत्री ललित लोढ़ा ने सभी का अभिवादन करते हुए साध्वी श्री संयमलताजी एवं साध्वीव्रंध के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की।
योगा प्रशिक्षक उषाबेन, तेरापंथ युवक परिषद, अंधेरी के अध्यक्ष किरणजी रोठांगण, तेरापंथ महिला मंडल की संयोजिका शशिजी लोढ़ा,एवं तेरापंथी सभा अंधेरी के अन्य पदाधिकारीगण, तेरापंथ सभा मुंबई के मीडिया प्रभारी अनिल परमार, आदि विशेष रूप से संभागी बने।
समाज के श्रावक श्राविकाओ की उपस्थिति से आज का कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपादित हुआ।
समाचार प्रदाता – ललित लोढ़ा।
ABTYP JTN मुंबई सें विकास धाकड़।
जूहू बीच पर आंतरिक सुंदरता के विकास पर साध्वी श्री संयमलताजी द्वारा उदबोधन
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