मुम्बई। “जैन श्वेतांबर तेरापंथ धर्मसंघ के ग्यारहवें अधिशास्ता राष्ट्रसंत आचार्य श्री महाश्रमण” का संतों की भूमि पर 28 मई को मंगल प्रवेश होने जा रहा है।
69 वर्षो बाद तेरापंथ के आचार्य का मुम्बई में चातुर्मास होने जा रहा है। इससे 69 वर्ष पूर्व तेरापंथ के नवम अधिशास्ता गणाधिपति आचार्य श्री तुलसी का चातुर्मास सिक्का नगर में सानंद सम्पन्न हुआ था।
आचार्य श्री महाश्रमण जी 3 देश की पदयात्रा कर अब नैतिकता और नशामुक्ति के सन्देश की अणुव्रत यात्रा को पग पग गतिमान करते हुए देश की आर्थिक राजधानी में आचार्य बनने के पश्चात पहली बार मुम्बई की धरा पर पधार रहे है। ये चातुर्मास गोड़बन्दर पर सी & रॉक परिसर में नंदनवन में आयोजित होगा।
28 मई को लगभग 8:15 मिनट पर आचार्य श्री महाराष्ट्र की सीमा में प्रवेश करेंगे, अपने आराध्य की अभिवन्दना ओर इस ऐतिहासिक पल के साक्षी बनने को मुम्बई ओर आसपास के क्षेत्र के ना सिर्फ तेरापंथी परिवार बल्कि जैन अजैन सभी पलक पांवड़े बिछाये है।इसी क्रम में 28 मई को महाराष्ट्र की सीमा पर लगभग 3000 श्रावक श्राविकाओ के पहुँचने की संभावना आचार्य श्री महाश्रमण चातुर्मास प्रवास व्यवस्था समिति,मुम्बई के अध्यक्ष श्री मदनलाल तातेड़ ने इस ऐतिहासिक चातुर्मास के हर पल को ऐतिहासिक बनाने का आह्वान मुम्बई के प्रत्येक श्रावक से किया है।ये समय है अपने कर्मो को क्षय कर आत्मविकास करने का ओर क्षण क्षण का उपयोग हम इस ओर करे।
संतों की भूमि महाराष्ट्र में राष्ट्रसंत महाश्रमण का प्रवेश
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