कोपरी (ठाणे)। अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल निर्देशानुसार, श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथ मुंबई महिला मंडल के तत्वावधान में क्षेत्र कोपरी ठाणे ईस्ट द्वारा अनुशासन के महत्व को समझेंगे “The power of Discipline” की कार्यशाला रखी गई ।
सानिध्यः- साध्वी श्री काव्यलता जी आदि ठाना ३ का प्राप्त हुआ। कार्यशाला की शुरुआत साध्वीश्री काव्यलताजी द्वारा मंगलपाठ से हुई। मंगलाचरण कोपरी महिला मंडल की बहनों ने किया । बहनों का स्वागत सहसंयोजिका नूतन दुगड़ ने किया। साध्वी श्री सुरभि प्रभा जी ने अपने विचारो और अनुभवों द्वारा अनुशासन की महत्त्वता को बताया और आपने निजपर शासन फिर अनुशासन पर एक गीतिका द्वारा अपने विचारो को अल्पविराम किया।
साध्वी श्री काव्यलताजी द्वारा जीवन में व हमारे रोज़ कि निजी जीवन में अनुशासन को अपने से बड़ो के साथ समर्पण और विनम्रतापूर्वक और विवेक कि साथ रहना चाहिए साथ ही हमे अपने पास sugar factory और ice factory रखनी चाहिए और किसी भी परिस्तिथि में हमे अनुसाशनहीन नहीं करना है अपने मन को । और मोबाइल से भी बड़ी समस्या अपने मूड को बताया की अपनी प्रतिकूल कोई स्तिथि न हो तो हम कहते है आज मेरा मूड नहीं है तो इन सब बातों का ध्यान रखे।साथ ही साध्वी श्री जी ने कहा की तेरापंथ का पहला सबसे बड़ा आधार है अनुशासन और मर्यादा तभी हमारा संघ आज एक गुरु और एक विधान के साथ नई नई ऊचाइयौ की और अग्रसर हैं। आभार की परंपरा को सहसंयोजिका भावना कच्छारा ने निभाई। मुंबई कार्यकारिणी की सदस्या व उपासिका मीना जी बाफ़ना ने १० मिनट प्रेक्षा ध्यान कराया। कार्यशाला का संचालन संयोजिका रंजना बापना ने किया। कार्यशाला में कुल २० बहनों की सराहनीय उपस्तिथि रही।
कोपरी ठाणे महिला मंडल द्वारा अनुशासन के महत्व को समझेंगे “The power of Discipline” कार्यशाला का आयोजन
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