राजाजीनगर। युग प्रधान महातपस्वी आचार्य श्री महाश्रमणजी की सुशिष्या साध्वी श्री डॉ.गवेषणाश्री जी के सेवा दर्शन हेतु गांधीनगर तेरापंथ भवन पहुंचे राजाजीनगर तेयुप सदस्य एवं तेरापंथ किशोर मंडल टीम। साध्वी श्री ने अपना सारगर्भित उद्धबोधन प्रदान करते हुए उपस्थित किशोर वर्ग को आध्यात्मिकता की ओर मोड़ते हुए अपना भावी जीवन साथी कैसा हो, वैवाहिक जीवन कैसा हो इसकी प्रेरणा देते हुए कहा अपने मन को इतना ऊंचा बनाये माउंट एवेरेस्ट की चोटी की तरह अपने मन को दृढ़ बनाये। जैन धर्म एवं इनकी मान्यताओं को अपने जीवन में एवं परिवार में स्थान दे। साध्वीश्रीजी ने एक रोचक कहानी के माध्यम से किशोरों को कहा किस प्रकार अपने मनुष्य जीवन को सार्थक बनाये इस पर चिंतन अवश्य करें। माउंट एवेरेस्ट की चोटी को जरूर चूहे लेकिन कभी भी तलेटी को मत भूलना क्योंकि वही हमारी शुरुआत है चोटी तक पहुंचने के लिये। तलेटी हमारे माता पिता एवं घर के बुजुर्ग है उनको कभी भी दुःख न पहुंचाये व हमारे नीव है इनके संस्कारो को कभी भी झुकने न दे इस बात का विशेष ध्यान रखे। उनके बुढ़ापे में धर्म की दलाली करने के लिए अभी से आध्यात्मिक संस्कारों का उर्ध्वरोहन करें। साध्वी श्री मयंकप्रभजी ने आध्यातमिक संस्कार की जागृति कैसे जागे इस पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा किशोरों को मौज मस्ती के साथ आध्यातमिकता मे भी अपनी रुचि को आगे बढ़ानी चाहिए हमको जैन धर्म मिला हे इसका हमे गर्व महसूस होना चाहिए।
इस अवसर पर जैन विश्व भारती लाडनूं के पूर्व अध्यक्ष श्री धर्मचन्दजी लुंकड़ की रही गरिमामय उपस्थिति। तेयुप से रनीतजी कोठारी, सुनिलजी मेहता, भावेशजी मुथा, अरविंदजी दुगड़, राजेश देरासरिया एवं किशोर मंडल संयोजक कमल चोरड़िया, सह-संयोजक रितम हिंगड़ एवं अच्छी संख्या में किशोरों की रही उपस्थिति। तेयुप किशोर मंडल प्रभारी सचिन हिंगड़ ने आभार ज्ञापन व्यक्त किया।
आधुनिक युवा पीढ़ी को प्रदान कराया मार्ग दर्शन : साध्वी श्री डॉ. गवेषणाश्रीजी
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