पटना:एनडीए के खिलाफ लगातार बयानबाजी कर रहे रालोसपा प्रमुख उपेन्द्र कुशवाहा के प्रति बीजेपी (BJP) का रुख अब भी सकारात्मक बना हुआ है। पार्टी का मानना है कि रालोसपा अब भी एनडीए के साथ है। 2019 लोकसभा चुनाव () में वह एनडीए का हिस्सा बना रहेगा।
शनिवार को एक कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सांसद नित्यानंद राय ने कहा कि रालोसपा अब भी एनडीए के साथ है। वर्ष 2019 में एनडीए का हिस्सा बनकर ही रालोसपा चुनाव लड़ेगी। ऐसी कोई बात नहीं हुई है जिससे मान लिया जाए कि एनडीए में कोई विवाद है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह द्वारा उपेंद्र कुशवाहा को समय नहीं दिए जाने के सवाल पर प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि रालोसपा प्रमुख को इससे पहले समय दिया गया था। उस दिन वे नहीं जा सके। अब समय मिलेगा या नहीं के सवाल पर प्रदेश अध्यक्ष ने जवाब नहीं दिया।
कुशवाहा ने दिए अलग होने के संकेत
बीजेपी को दी गई अल्टीमेटम की मियाद खत्म होने के बाद रालोसपा प्रमुख उपेन्द्र कुशवाहा ने एनडीए से अलग होने का संकेत दे दिया है। कहा है कि बिहार में एनडीए डूबती नाव है। इसकी सवारी करना आत्मघाती कदम होगा। कुशवाहा ने कहा कि लगता है भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने घुटने टेक दिए हैं। मैंने पहले ही कहा था कि नीतीश कुमार जिस नाव की सवारी करेंगे, उसका डूबना तय है। उनके एनडीए में आने के बाद लगता था प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नाव की पतवार अपने हाथ में रखेंगे, लेकिन अब लगता है कि उन्होंने भी पतवार श्री कुमार को सौंप दिया है। ऐसे में बिहार में एनडीए का बेड़ा पार नहीं लगने वाला। कहा कि अब भी समय है, भाजपा नीतीश कुमार को पतवार न दे तो नाव डूबने से बच सकती है।
कुशवाहा की प्रतिक्रिया से यह साफ संकेत मिल रहे हैं कि रालोसपा का एनडीए से अलग होने की अब केवल घोषणा भर बाकी है। इंतजार पार्टी शिविर का है। चार व पांच दिसम्बर को वाल्मीकिनगर में होने वाले शिविर में फैसले पर मुहर लगेगी और छह दिसम्बर को मोतिहारी में होने वाले खुला अधिवेशन में इसे सार्वजानिक किया जाएगा।
कुशवाहा ने सीटों पर फैसला करने के लिए भाजपा को 30 नवम्बर का समय दिया था। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह का समय नहीं मिलने के बाद उनको प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर उम्मीद थी। वह पीएम से मिलकर अपनी पूरी बात कहना चाहते थे, लेकिन चार दिन तक दिल्ली में बैठने के बाद भी उनको निराशा हाथ लगी।
‘उपेन्द्र कुशवाहा 2019 का लोकसभा चुनाव NDA के साथ ही लड़ेंगे’
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