विजयनगर। युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनिश्री रश्मि कुमार जी ने बुधवार को गणपतजी बोहरा के निर्माण स्थल में आयोजित धर्मसभा ने कहा आज ज़िंदगी को वहीं जीता है जो मुस्कुराना जानता है और मुस्कुराना वही जानता है जो जीना जानता है व्यक्ति सुख में दुख की खोज करता है मगर वह कभी दुख मैं सुख की खोज नहीं करता है जब मनुष्य सुख को खोजना शुरू कर देता है तो समझना चाहिए कि उसने जीना सीख लिया हैं एक व्यक्ति ने लॉटरी के दो टिकट ख़रीदा और उसमें से एक टिकट पर उसका भाग्य उदय हुआ है और उसे एक लाख रुपया मिल गये बधाई देने आए मित्र ने उदास देखा तो पूछा की दुखी क्यों उसने कहा कि मैंने दो टिकट ख़रीदें उसमे से एक में ही इनाम लगा दूसरा ऐसे ही बेकार चला गया इस लिए दुखी हूँ इंसानों की मनोवृत्ति ही कुछ ऐसी है कि वह सुख मैं दुख की खोज करता है मगर वही व्यक्ति महान बनता है जो हर व्यक्ति में सुखों की खोज करता है हम राम ,कृष्णा ,महावीर बुद्ध को देखें कि वह महान कैसे बने उन्होंने हर सिचुएशन में ख़ुश रहना सिखाया है आज के धर्म सभा में हौलेनरशीपुर,KR पेट आदि क्षेत्रों से बड़ी संख्या में लोगों ने आकर मुनि श्री के चरणों में उनके क्षेत्र में पधारने की प्रार्थना की मुनिश्री रश्मिकुमार जी अपने सहयोगी संत मुनिश्री प्रियांशु कुमार जी के साथ गुरुवार को श्रवणबेंगगोला पधारेंगे। नए वर्ष का वृहद मंगल पाठ का कार्यक्रम भी तेरापंथ सभा मैसूर के तत्वावधान में श्रवणबेंगगोला में निर्धारित हैं।