निर्देशकः रोहित शेट्टी
कलाकारः रणवीर सिंह, वरुण शर्मा, पूजा हेगडे, जैकलीन फर्नांडीज, दीपिका पादुकोण, जॉनी लीवर, अश्विनी कालसेकर, मुरली शर्मा, टीकू तल्सानिया आदि
रोहित शेट्टी की बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘सर्कस’ रिलीज हो गई। फुल मस्ती और फुल धमाल के साथ रोहित शेट्टी यह बताने में कामयाब हो गए कि “खून के रिश्ते से ज्यादा इंसान की परवरिश” अधिक मायने रखता है।
कहानीः फिल्म की शुरुआत एक अनाथालय से होती है। जहां दो जोड़ी जुड़वा बच्चों को गोद देने के मामले में वहां काम कर रहे डॉक्टर (मुरली शर्मा) प्रयोग करके यह देखना चाहते हैं कि खून का रिश्ता होना जरूरी है या अच्छी परवरिश। दोनों जुड़वा बच्चों की जोड़ी को अलग-अलग परिवारों में गोद दिया जाता है और उन जुड़वा भाईयों को भी अलग कर देते हैं। इत्तफाक यह होता है कि दोनों जोड़ी बच्चों के नाम एक ही रॉय और जॉय ही रह जाता है। रॉय (रणवीर सिंह) और जॉय (वरुण शर्मा) का डबल रोल है। एक जोड़ी जुड़वा ऊंटी में सर्कस चलाने वाले परिवार में पलता-बढ़ता है, दूसरा बैंगलोर के राजशाही परिवार में। पूरी फिल्म पुराने जमाने की पृष्ठभूमि पर बनाई गई है। यह उस समय की बात है जब नॉवेल पढ़ने और सर्कस देखने का जमाना हुआ करता था। रॉय नाम के दोनों भाईयों में गजब कनेक्शन है। एक को बिजली का नंगा तार पकड़ने पर करंट ही नहीं लगता तो दूसरा उसी समय झटके झेलता है। कहानी आगे बढ़ती है बैंगलोर वाला रॉय बिंदु (जैकलीन फर्नांडीज) से प्यार करता है और शादी करना चाहता है जबकि ऊंटी वाला रॉय शादीशुदा है और माला (पूजा हेगड़े) के साथ सुखी जीवन जा रहा होता है। कन्फ्यूजन और धमाल तब शुरू होता है जब बैंग्लोर वाला रॉय भाई जॉय के साथ बिजनेस के सिलसिले में ऊंटी जाने लगता है… अब आगे क्या होता है संजय मिश्रा, जॉनी लीवर, मुरली शर्मा से लेकर टीकू तल्सानिया, सिद्धार्थ जाधव, व्रजेश हिरजी, सिद्धार्थ जाधव, अनिल चरनजीत जैसे कलाकारों ने कितना धमाल किया है, यह देखने के लिए थिएटर जाकर एक बार रोहित शेट्टी की फिल्म ‘सर्कस’ जरूर देखें।
डायरेक्शनः रोहित शेट्टी एक मजे हुए निर्देशक हैं, अपनी तरफ से पूरी कोशिश की है लेकिन कुछ कमी लगती जरूर लगती है। जैसे फिल्म का नाम सर्कस है लेकिन इसमें सर्कस जैसा कुछ खास नहीं है। हां, फिल्म में कन्फ्यूजन क्रिएट होने और कलाकारों के चयन के साथ ही बढ़िया डायलॉग और डायलॉग डिलीवरी की टाइमिंग के चलते खूब धमाल होता है। बावजूद इसके क्रिसमस और न्यू इयर की छुट्टी में परिवार सहित फिल्म देखने लायक है।
संगीतः दीपिका पादुकोण पर फिल्माए गए आयटम नंबर ‘करंट लगा रे’ को छोड़ दें तो ऐसा और कोई गाना फिल्म में नहीं है, जो याद रखा जाए।
कुल मिलाकर यदि ऑप फिल्म में लॉजिक ढूंढ़ेंगे तो यह आपके लिए नहीं है, लेकिन इसमें इंटरटेनमेंट और धमाल की कोई कमी नहीं है। “सुरभि सलोनी” की तरफ से फिल्म को 3 स्टार।
- दिनेश कुमार