भायंदर। युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमणजी की विदुषी शिष्या शासन श्री साध्वी श्री विद्यावतीजी ‘ द्वितीय’ के सानिध्य में बृहद मंगल पाठ का कार्यक्रम आयोजित किया गया। साध्वी श्री जी द्वारा नमस्कार महामंत्र उच्चारित किया गया। तत्पश्चात् साध्वी श्री प्रेरणाश्रीजी साध्वी श्री मृदुयशाजी एवं साहवी श्री ऋद्धियशाजी ने भक्तामर स्तोत्र का पाठ करवाया। साध्वी श्री प्रियंवदाजी ने मंत्रों की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा-मंत्रों के शुद्ध एवं स्पष्ट उच्चारण से भीतर एक ऊर्जा का संचार होता है तथा मनोबल मजबूत बनता है। मंत्र एक शक्ति है, टॉनिक है एवं वाचिक शक्ति का विकास होता है। साध्वी श्री जी ने कुछ मंत्रों का उच्चारण भी करवाया।
लगभग पौन घंटे तक मंगल स्तोत्रों का एवं मंत्रों का जनमेदिनी ने तन्मयता तथा एकाग्रता के साथ श्रवण किया। बृहद मंगल पाठ सुनने के लिए लोग निर्धारित समय से पूर्व ही तेरापंथ भवन में पहुंच गये थे।
साध्वी श्री विद्यावतीजी ने उद्बोधन में कहा – आध्यात्मिक शक्ति अर्जित करने में मंत्र एक महान साधक तत्व है। मंत्रों से अपनी विचार धारा निर्मल एवं पवित्र होती है।
इस अवसर पर तेरापंथ सभा के अध्यक्ष भगवतीलालजी भंडारी, उपाध्यक्ष दिनेशजी आच्छा, उपाध्यक्ष विजय जी बोकडिय़ा, मंत्री रूपसिंहजी गोठी, तेरापंथ युवक परिषद के अध्यक्ष राकेशजी बागरेचा, मंत्री धीरज बागरेचा, अरविंदजी हिंगड, पारसमलजी कच्छारा, तेरापंथ महिला मंडल की संयोजिका ममता डांगी, सहसंयोजिका उर्मिला हिंगड रेखा लुणीया, आदि विभिन्न संस्था के पदाधिकारी विशेष रूप से उपस्थित होकर सबको नूतन वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं प्रेषित की। कार्यक्रम का संचालन परेश भंडारी ने किया। यह न्यूज JTN प्रतिनिधि भायंदर पारस कच्छारा ने दी।