मुंबई। युगपुरुष आचार्य श्री महाश्रमण की विदुषी शिष्या साध्वी श्री निर्वाण श्री जी आदि ठाणा-6 के पावन सानिध्य में वरिष्ठ प्रेक्षाध्यान प्रशिक्षक पारसमल दुगड़ एवं विमला दुगड़ द्वारा लगातार 25 वर्षों से सफलतापूर्वक संचालित किये जा रहे प्रेक्षाध्यान केंद्र अशोक नगर का रजत जयंती समारोह श्री तुलसी महाप्रज्ञ फाउंडेशन कांदिवली एवं तेरापंथी सभा कांदिवली द्वारा आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ साध्वी श्री ने नमस्कार महामंत्र के उच्चारण के साथ किया। केंद्र की बहनों द्वारा आत्म साक्षात्कार प्रेक्षाध्यान के द्वारा गीत की सुंदर प्रस्तुति दी गई। बहनों ने प्रेक्षाध्यान ध्यान के आठ अंगों की प्रस्तुति इतने सुंदर ढंग से की लोग मंत्रमुग्ध हो गए ।इस मौके पर तेरापंथी सभा मुंबई के कार्याध्यक्ष नवरतन जी गन्ना, पूर्व अध्यक्ष भंवरजी कर्नावट, नरेन्द्र जी तातेड, श्री तुलसी महाप्रज्ञ फाउंडेशन के मंत्री एवं तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मनीष जी कोठारी, तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम के मुंबई अध्यक्ष राज जी सिंघवी, अनुव्रत समिति मुंबई की अध्यक्षा कंचन जी सोनी, तेरापंथ महिला मंडल की अध्यक्षा रचना हिरण, पूर्व अध्यक्ष भारती सेठिया आदि प्रशिक्षण केंद्र के कार्यकर्ताओ सहित संघीय सस्थाओं के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओ की उपस्थिति रही।
कार्यक्रम में उपस्थित मेहमानों का स्वागत महेन्द्र नारीचनिया ने किया। इस मौके पर केंद्र के साधकों द्वारा विविध कार्यक्रमों के जरिये प्रेक्षाध्यान को प्रस्तुत किया।
साध्वी श्री योगक्षेमप्रभा जी ने अपने उद्बोधन में पारसजी दुगड़ एवं विमला जी दुगड़ के 25 वर्षों के इस सफर की प्रशंसा करते हुए प्रेक्षा ध्यान के ध्येय एवं प्रभाव की सारगर्भित व्याख्या की।
अणुव्रत समिति की अध्यक्षा कंचन सोनी ने कहा की हम सभी को मिलकर प्रेक्षाध्यान की लौ जलाये रखनी है। उन्होंने दुगड़ दंपत्ति को केंद्र की रजत जयंती मानने की बधाई दी।
इसी क्रम में तेरापंथ महिला मंडल की अध्यक्षा रचना हिरण ने अपनी शुभकामनाएं देते हुए पारसमल दुगड़ के द्वारा 25 वर्षों से केंद्र चलाये जाने की भूरि भूरि प्रशंसा की और उनके सोशल मीडिया के जरिये हर आयु वर्ग के लोगों तक प्रेक्षाध्यान को पहुँचाने के लिए साधुवाद दिया। दुगड़ परिवार ने प्रेक्षा ध्यान केंद्र की झांकी प्रस्तुत की।
स्वर कोकिला व संघ गायिका मीनाक्षी भूतोड़िया इस साध्वी योगक्षेम प्रभाजी द्वारा रचित मधुर गीत के माध्यम से प्रेक्षा ध्यान केंद्र की सुन्दर व्याख्या करते हुए हरी भरी फुलवारी बताया।
इस मौके पर तेरापंथी सभा मुंबई के पूर्व अध्यक्ष भवरलाल कर्नावट, मुम्बई सभा के कार्याध्यक्ष नवरतन गन्ना, टीपीएफ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं फाउंडेशन के मंत्री मनीष कोठारी, टीपीएफ मुंबई के अध्यक्ष राज सिंघवी, सभा के पूर्व अध्यक्ष नरेन्द्र जी तातेड, तेरापंथी सभा कांदिवली के मंत्री अशोक जी हिरण, संस्कार ज्योति महिला मंडल, लावा सरदारगढ़ महिला मंडल की मधु जी बाफना, तेयुप कांदिवली के अध्यक्ष नवनीत जी कच्छारा, फाउंडेशन के पूर्व मंत्री दलपत जी बाबेल, फाउंडेशन में संचालित प्रेक्षाध्यान केंद्र के प्रभारी जयचंद जी सांखला, डॉ. अंजना जी, पार्श्व गायक रविजी मालू आदि ने रजत जयंती वर्ष मानने की शुभकामनाएं देते हुए पारस जी दुगड़ की खूब सराहना की।
अपने भावों की अभिव्यक्ति देते हुए पारस जी दुगड़ ने लोगों के बीच अपने अनुभवों को साझा करते हुए अपने सम्पूर्ण उपलब्धि का श्रेय गुरुकृपा को दी। उन्होंने 25 वर्ष पूर्ण होने के कारणों में डिसिप्लीन को बताया। उन्होंने कहा कि हम एवं केंद्र के लोग धर्म संघ के अनुशासन को मानते हैं, इसलिए हम यह यात्रा निर्बाध रूप से तय कर पाए।
साध्वी श्री निर्वाण श्री जी ने अपने उद्बोधन में प्रेक्षा ध्यान केंद्र अशोक नगर की स्थापना एवं प्रेक्षा ध्यान पर संक्षिप्त प्रकाश डालते हुए अशोक नगर केंद्र की 25 वर्षों की इस उपलब्धी की प्रशंसा की। साध्वी श्री ने कहा कि प्रेक्षा ध्यान से जुड़ने वाला हर व्यक्ति चमत्कार कर सकता है तथा कहा कि मुंबई जैसे बड़े क्षेत्र में सिर्फ एक पारस जी से काम नहीं चलने वाला है, इसके लिए युवा दम्पतियों को आगे आकर प्रेक्षा प्रशिक्षक बनना चाहिए। साध्वी श्री ने पारस ने सहित सभी के प्रति मंगल कामना की। आभार ज्ञापन राजेंद्र दुगड़ ने किया तथा सुन्दर संचालन राजकुमार जी चपलोत ने किया। खचाखच भरे महाप्रज्ञ सभागार में श्रोताओं ने कार्यक्रम का विशेष आनंद लिया। गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स तथा सम्मान का कार्यक्रम भी गरिमामय रहा।
उपलब्धियों भरा रहा प्रेक्षा ध्यान केंद्र अशोक नगर कांदिवली का रजत जयंती का शानदार कार्यक्रम
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