कांदिवली। आचार्य श्री महाश्रमण जी की विदुषी साध्वीश्री निर्वाणश्री जी ठाणा-६ के पावन सान्निध्य में आचार्य गुणोत्कीर्तना के चतुर्आयामी कार्यक्रम शानदार ढंग से मनाए गए। आचार्य भिक्षु के प्रति श्रद्धार्पण करते हुए विदुषी साध्वी श्री निर्वाणश्री जी ने कहा -“आचार्य भिक्षु का नाम हमारी सांसो में समाया हुआ है । उनके नाम स्मरण से ही नयी ऊर्जा का संचार होता है।”
साध्वीश्री डॉ. योगक्षेम प्रभाजी ने अपने प्रखर वक्तव्य में कहा-” आचार्य भिक्षु भगवान महावीर की वाणी के भाष्यकार थे। उन्होंने जैन धर्म के मौलिक सूत्रों की सारगर्भित व्याख्या की।
समणी निदेशिका सत्यप्रज्ञा जी ने कहा-“आचार्य भिक्षु में श्रद्धा और तर्क दोनों का समान बल था। जिनवाणी पर अपार श्रद्धा के साथ तत्व की व्याख्या तर्क के साथ की।”
साध्वी लावण्य प्रभा जी व समणी रोहिणीप्रज्ञा जी ने अपनी आस्था का अर्ध्य समर्पित करते हुए विचार व्यक्त किए । साध्वी वृन्द ने समवेत स्वरों में “बाबा भिक्षु का काम कमाल है” गीत की सुंदर प्रस्तुति की।
प्रवक्ता उपासिका पुष्पा मेहता, सह संयोजिका निशा दुगड़, तेममं मुंबई अध्यक्ष रचना हिरण आदि ने उद्गार प्रकट किए। तेमम कांदिवली की बहनों ने मधुर गीत की प्रस्तुति दी। मंच संचालन उपासिका विमला दुगड़ ने किया। धन्यवाद आभार ज्ञापन प्रकाश जी हिरण ने किया।
प्रेषक–पारसमल दुगड