वाशी। वाशी के जनमेदिनी को संबोधित करते हुए साध्वी पंकजश्रीजी कहा भगवान महावीर 27 वै भव में वैशाली नगरी के राजा सिद्धार्थ के घर माता त्रिशला के गर्भ में 14 सपनों के साथ अवतरित हुए मां त्रिशला शुभ सपना को देखकर प्रफुल्लित व पुलकित हो उठती है। राजा सिद्धार्थ के राज्य में धन धान्य की वृद्धि होती है इसीलिए नाम वर्तमान रखा जा रहा है घर के दौरान अहिंसा के महापुरुष ने अभीग्रह किया जब तक माता-पिता रहेंगे तब तक दीक्षा नहीं लूंगा यह थी उनकी अहिंसा। भगवान के बचपन में भी अहिंसा के दर्शन होते थे भगवान की ध्यान साधना में त्राटक ध्यान की अहम भूमिका रही। ध्यान साधना है स्वाध्याय है साध्य हीआत्मिक सुख है।
साध्वी सम्यकयशा ने ध्यान दिवस पर अपने विचार रखे साध्वी ललिताश्रीजी साध्वी शारदाप्रभाजी ने गीतिका प्रस्तुति की। सीबीडी बेलापुर महिला मंडल द्वारा मंगलाचरण किया गया। अणुव्रत समिति मुंबई अध्यक्ष कंचनजी सोनी, तुलसी महाप्रज्ञ फाउंडेशन निवर्तमान अध्यक्ष के एल परमार, सभा मंत्री अर्जुनजी सोनी ने विचार रखे।
अणुव्रत समिति मंत्री वनिताजी बाफना, मंजूजी संचेती, पंकजजी चंडालिया, शीलाजी चंडालिया, रंजनजी हिरण, क्षेत्र संयोजक पवनजी परमार, क्षेत्र सहसंयोजक सुनीलजी मेहता, आशाजी सोनी, लादूलालजी श्री श्रीमाल, उत्तमजी छाजेड़, अमरचंदजी बरलोटा, तेरापंथ सभा मुंबई के उपाध्यक्ष कमलेशजी बोहरा, ललितजी बोहरा, मानकजी धींग, ललितजी बाफना, तनसुखजी चोरडिया, अध्यक्ष विनोदजी बाफना, तेरापंथ युवक परिषद अध्यक्ष महावीरजी सोनीस तेरापंथ युवक परिषद मंत्री महावीरजी हिरण उपस्थित रहे। यह जानकारी निवर्तमान अध्यक्ष नितेश बाफना ने दी।
एक मिनट का टेंशन एक मिनट में गायब करें प्रेक्षा ध्यान – साध्वी पंकजश्रीजी
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