विलेपार्ले। जाप की महत्ता को उजागर करते हुए आपने उद् बोधन में कहा- जप का अर्थ है की मंत्र का बार-बार पुनरावृत्ति करना। एकाग्रता से जाप करने पर आधी व्याधि उपाधि का नाश होता है। शुद्ध उच्चारण, विशुद्ध भावना ,लयबद्धत्ता जुड़ने से ही मंत्र फलवान व सिद्धिदायक होता है। दिव्य शक्तियां भी जप के प्रभाव से अनुकूल बनती है। जप का प्रभाव इतना प्रभावशाली होता है कि देव दानव मानव कृत उपद्रव भी प्रभावहीन हो जाते हैं। समस्याओं विघ्न बाधाओं के निवारण का ताकतवर शस्त्र है जप।
साध्वी मलयविभा जी ने 16 भावनाओं में संसार भावना का विश्लेषण करते हुए जप के उदेश्य एवं जप कैसे करे उसका विस्तार से वर्णन किया ।
आज का मंगलाचरण बांद्रा खार सांताक्रुज विलेपार्ले अंधेरी जोगेश्वरी ने बड़ी सुंदर प्रस्तुति देकर स्वरलहेरियो से सभा को मंत्रमुक्त कर दिया, और इस गीत को स्वर दिया जानी मानी पहचानी विले पार्ले की सुमधुर गायिका रेनुजी कोठारी ने। साध्वी श्री जी की प्रबल प्रेरणा से श्रावक समाज की सहारनिया उपस्थिति रही। स्वर्गीय कैलाश जी गोयल के सुपुत्र अभिषेक जी गोयल की विशेष उपस्थिति रही। यह जानकारी तेयूप अध्यक्ष अरविंद कोठारी ने दी।
जीवन में बदलाव लाने की उत्तम परक्रिया है जापः साध्वीश्री राकेश कुमारी जी
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