मालेगांव। प्रवक्ता उपासक पारसमलजी दुगड़ आज प्रात:कालीन प्रवचन देते हुए बताया भगवान महावीर से जब पूछा गया भन्ते ! वंदना करने से जीव को क्या प्राप्त होता भगवान ने कहा वंदना से नीच कुल में उत्पन्न करने वाले कर्मों को क्षीण करता है। ऊंचे कुल में उत्पन्न करने वाले कर्म का अर्जन करता है। इस पर विस्तृत जानकारी दी। पर्युषण पर्व पर दुगड जी ने बताते हुए कहा तप का महान पर्व पर्युषण पर्व है। त्याग से अव्रत का कनेक्शन टुटता है। तीर्थकर भगवान महावीर के 27 भवों मेंसेतीन भवों के जीवन व्रत पर सुंदर जानकारी अपनी चिरपरिचित शैली में दी ।अणुव्रत चेतना दिवस दिवस पर बोलते हुए कहा ।
राष्ट्र की सबसे बड़ी शक्ति है उसका चारित्र। राष्ट्र का चारित्र राष्ट्र की जनता पर निर्भर है जनता का चारित्र बल जितना मजबूत होता है राष्ट्र उतना ही ऊंचा उठता है। अणुव्रत चारित्र पर बल देता है।
सहयोगी उपासक रमेश जी सिंघवी ने अणुव्रत चेतना दिवस पर बोलते हुए अणुव्रत की 11 नियमों की विस्तृत जानकारी उदाहरणों के साथ सभी को अच्छे ढंग से समझाया। मंगलाचरण उपासक रमेशजी सिंघवी ने समधुर गीतिका के साथ किया।
– तेरापंथ सभा , तेरापंथ युवक परिषद , तेरापंथ महिला मंडल मालेगाँव
मालेगांवः पर्युषण पर्व के पंचम दिवस अणुव्रत चेतना दिवस का आयोजन
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