कांदिवली। आचार्य श्री महाश्रमण जी की विदुषी सुशिष्या साध्वी श्री निर्वाणश्री जी के पावन सान्निध्य में शनिवार रात्रि में महामंत्र नवकार के आध्यात्मिक एवं वैज्ञानिक महत्व की सारगर्भित व्याख्या की गई।महामंत्र की रोचक प्रस्तुति देते हुए विदुषी साध्वी श्री निर्वाणश्री जी ने कहा-” नमस्कार महामंत्र के पांचो पद विशेष शक्ति के स्त्रोत हैं। कहते हैं कि 35 अक्षरों वाले इन पदों के प्रत्येक अक्षर की 1000- 1000 देवता सुरक्षा करते हैं। इस महामंत्र की ध्वनि तरंगों में अपारशक्ति भरी है जिसका प्रयोग करने से विशेष प्राप्ति होती है।
प्रबुद्ध साध्वी श्री डॉ. योगक्षेम प्रभा जी ने अपने विशेष वक्तव्य में ध्वनि तरंगों के शरीर मन और आत्मा पर होने वाले प्रभाव की सटीक व्याख्या की।अर्हत, सिद्ध, आचार्य, उपाध्याय व साधु -यह पांच कोई नाम युक्त व्यक्ति नहीं व्यक्तित्व हैं। वे अपने गुणों के कारण पूज्य हैं। कांदिवली भवन के बच्चों ने तेरापंथ प्रबोध का संगान किया।
अणुव्रत चेतना दिवस के प्रारंभ में बोरीवली तेरापंथ महिला मंडल ने अणुव्रत गीत की सुंदर प्रस्तुति दी। साध्वी मुदित प्रभा जी ने वक्तव्य तथा साध्वी मधुर प्रभा जी ने गीत की सुंदर अभिव्यक्ति थी।विदुषी साध्वी श्री निर्वाणश्री जी ने भगवान महावीर के जन्म कल्याणक की आगमिक प्रस्तुति के साथ बालक्रीड़ाओं की रोचक जानकारी दी।
साध्वीश्री योगक्षेम प्रभा जी ने भगवान अरिष्ठनेमी के जन्म, बचपन,यादवों के द्वारिका गमन,जरासंध- कृष्ण संग्राम ,वासुदेव तथा द्वारिका दहन आदि की घटनाओं की प्रस्तुति से सबको भावविभोर कर दिया। मंच संचालन श्रीमती स्मिता मनोत ने किया।
कांदिवलीः अध्यात्म और विज्ञान पर विशेष व्याख्यान एवं अणुव्रत चेतना दिवस
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