बोईसर। आचार्य श्री महाश्रमणजी की महत्ती कृपा से हमारे बोईसर क्षेत्र के श्रावक श्राविकाओं को प्रवक्ता उपासिका श्रीमती चंदाजी वडाला कुर्ला, सहयोगी उपासिका श्रीमती कांताजी श्रीश्रीमाल ठाणे, सहयोगी उपासिका श्रीमती मन्जुलाजी हिरण गोरेगाव को यहां धर्माराधना कराने के लिए भेजा है। पर्वाधीराज पर्युषण पर्व के सभी कार्यक्रम में ज्यादा से ज्यादा संख्या में पधार कर आध्यात्मिक लाभ लेना है। अध्यात्म के क्षेत्र में तप को धर्म बताया गया है तप वह चीज है, जिससे आत्मा के कर्म कटते पर्व का पहला दिन खाद्य संयम दिवस खाद्य पर संयम रखना।
पर्यूषण पर्व हमें आत्मा की साधना करने का एकमात्र जरिया है। पर्युषण महापर्व पर सहयोगी उपासिका श्रीमती मंजुला जी हिरण ने बताया हमें आहार का संयम करना, आहार के तीन प्रकार बताए और कैसे करना चाहिए। सहयोगी उपसिका जी श्रीमती कांता जी श्रीश्रीमाल ने बताया कि पर्युषण पर्व का मतलब अपने आप को जानना समझना।
प्रेक्षा ध्यान पर अपने विचार रखे। प्रवक्ता उपासीका श्रीमती चंदाजी वडाला ने खाद्य स्वयं दिवस पर विचार रखा। उन्होंने बताया आहार तीन प्रकार के होते हैं, उन्होंने बताया हमें इन 8 दिनों में ज्यादा से ज्यादा धर्म आराधना करनी है। पयुषण पर्व का मतलब अपने अंदर के अंधकार को प्रकाश की ओर ले जाना। यह पर्व शुद्ध आध्यात्मिक पर्व है हमें अपने आत्मा की आराधना करते हुए हमारी आत्मा को निर्मल बनाना है। पहले दिन बोईसर तेरापंथ समाज की अच्छी उपस्थिति रही। यह जानकारी मीडिया प्रभारी चंद्रप्रकाश सोलंकी बोईसर ने दी।
बोइसरः पर्यूषण पर्व का प्रथम दिवस खाद्य संयम दिवस के रूप में मना
Leave a comment
Leave a comment