मुम्बई। युग प्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी की विदुषी सुशिष्या साध्वी श्री निर्वाण श्री जी के पावन सान्निध्य में तेरापंथ भवन कांदिवली में पर्युषण महापर्व का शानदार आगाज हुआ। अपने मंगल प्रवचन का प्रारंभ करते हुए साध्वी श्री निर्वाणश्री जी ने सैंकड़ो -सैंकड़ो भाई बहनों को उपवास का प्रत्याख्यान करवाया। इसी क्रम में श्रीमती मंजू गोलेच्छा ने 11 दिन, रमेश भाई खंडोल ने अठाई तप का स्वीकार किया।अनेक भाई बहनों ने अट्ठम तप स्वीकार किया।सवा सौ से अधिक भाई बहनों ने श्रमणोपासक दीक्षा स्वीकार करते हुए नियमों को दोहराया। विदुषी साध्वी श्री जी ने अपने प्रेरक उद्बोधन में कहा-” पर्युषण जैन धर्म का सर्वोपरि पर्व है। सकल श्रावक समाज में इसका अपूर्व उत्साह है। ”
साध्वी श्री डॉ योगक्षेम प्रभा जी ने आदि तीर्थंकर भगवान ऋषभ के पूर्व जन्मों की रोचक व प्रेरक झांकी प्रस्तुत की। साध्वी वृन्द ने समवेत स्वरों में पर्युषण गीत की मधुर प्रस्तुति दी।
कार्यक्रम का शुभारंभ कांदिवली तेरापंथ महिला मंडल की शानदार प्रस्तुति के साथ हुआ। तेयुप कांदिवली ने ‘संयम भोजन का कर लो’ गीत की मधुर प्रस्तुति दी। Stmf के कर्मठ अध्यक्ष विनोद जी बोहरा ने पूज्य प्रवर के प्रति कृतज्ञता प्रकट करते हुए सबका हार्दिक स्वागत किया। मंच संचालन ते म मं कांदिवली की सह संयोजिका अलका पटावरी ने कुशलता पूर्वक किया।
भिक्षु समवसरण एवं विशाल पंडाल की भव्यता जन्मेदनी के उल्लास को प्रकट कर रही थी। कार्यक्रम प्रातः 8:50 से 11:05 तक अस्खलित रूप से चला।
तेरापंथ भवन कांदिवली में महापर्व पर्युषण का शानदार शुभारंभ
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