मुम्बई। चारकोप ज्ञानशाला कांदिवली ने आचार्य श्री महाश्रमण जी की विदुषी शिष्या साध्वीश्री निर्वाण श्री जी एवं सहवर्तीनी साध्वीवृंद के सानिध्य में नवोन्मेष-2 विविधता में एकता कार्यक्रम का सफल आयोजन किया।
कार्यक्रम की शुरुवात साध्वीश्री लावण्य प्रभाजी ने नमस्कार महामंत्र से की। चारकोप ज्ञानशाला के भूतपूर्व ज्ञानार्थियों ने सुमधुर गीतिका के द्वारा मंगलाचरण किया। पधारे हुए सभी अतिथिगण का स्वागत किया मुख्य प्रशिक्षिका सीमाजी हिरण ने। उन्होंने अपने वक्तव्य में सभी को ज्ञानशाला की गतिविधियों और उपलब्धियों से भी अवगत कराया।
साध्वीश्री ने अपने मंगल पाथेय में बच्चों को प्रेरित करते हुए फरमाया की कैसे हमें अपने आप को तैयार करना है पूज्य प्रवर के 2023 चातुर्मास के लिए।
कार्यक्रम के प्रथम चरण में आजादी की 75 वर्ष को celebrate करते हुए बच्चों ने देश के अलग अलग राज्य को represent करते हुए उन राज्यों की विशेषता से हमें अवगत कराया। बच्चों की wonderful performances के बाद शुरू हुआ दूसरा सत्र।
इस सत्र में पिछले वर्ष SSB की परीक्षा में मुंबई स्तर पर प्रथम आए ज्ञानार्थियों का trophy के द्वारा सम्मान किया गए। परीक्षा देने वाले सभी बच्चों को gifts और certificates वितरित किए गए।
कार्यक्रम में चारकोप ज्ञानशाला परिवार से बबीताजी जैन और संगीताजी सांखला का विशेष श्रम लगा। श्रीमान भेरूलालजी चपलोत, कमलेशजी सांखला, मुकेशजी धोका, विनोदजी जैन और पियुषजी चोरडिया का आर्थिक सहयोग रहा। कार्यक्रम में मुंबई आंचलिक संयोजिका श्रीमती अनीताजी परमार, अंजुजी चौधरी, कांदिवली सभाध्यक्ष श्रीमान पारसजी दुग्गड़, युवक परिषद अध्यक्ष नवनीतजी कच्छारा, उपाध्यक्ष पंकजजी कच्छारा, सुशीलजी बोहरा, कोषाध्यक्ष पंकजजी लोढ़ा, ज्ञानशाला प्रभारी राजकिरणजी बाफना, महिला मंडल संयोजिका नितुजी नाहटा, सह संयोजिका अल्काजी पटावरी और कोषाध्यक्ष अंजूजी नाहटा, भवन ज्ञानशाला से संगीताजी इंटोदिया, सेजलजी चोरड़िया, की गरिमामयी उपस्थिति रही। सभी अभिभावकों की भी सराहनीय उपस्थिति रही।
सभी का आभार ज्ञापन अमृताजी चपलोत ने किया। कुशल संचालन नूतन लोढ़ा ने किया।
ज्ञानशाला डालगणी जोन में नवोन्मेष-2 विविधता में एकता कार्यक्रम का आयोजन
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