मुंबई। आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री निर्वाण श्री जी -ठाणा ६ के पावन सान्निध्य में श्री जयंत रांका( उम्र 17 वर्ष) एवं श्रीमती मंजू सुरेश जी बोहरा (बोरीवली) के मासखमण तप का अभिनंदन समारोह सानंद संपन्न हुआ।
तप अनुमोदना के क्रम में श्री तुलसी महाप्रज्ञ फाउंडेशन के अध्यक्ष विनोद जी बोहरा,तेरापंथी सभा कांदिवली मालाड के अध्यक्ष पारस जी दूगड़ , इंदर मल जी कच्छारा, तेरापंथ महिला मंडल -मुंबई से रचना जी हिरण,महिला मंडल (कांदिवली) से नीतू नाहटा एवं महिला वर्ग ने क्रमशः वक्तव्य व गीत की सुंदर अभिव्यक्ति दी। रांका परिवार की ओर से शिमला बडोला ने साध्वी प्रमुखा श्री के संदेश का वाचन किया तो बहनों ने गीत से अभिनंदन किया।श्रीमती एकता आंचलिया,लक्षिका रांका आदि ने भाव प्रकट किए। नवनीत जी कच्छारा ने अभिनंदन पत्र का वाचन किया।
विदुषी साध्वी श्री निर्वाणश्री जी ने अपने प्रेरणा पाथेय में कहा :-“तप क्यों करें? एक विमर्शनीय प्रश्न है। भगवान महावीर ने कहा है कि इहलोक या परलोक के ऐश्वर्य के लिए तप नहीं करें,ना ही प्रशंसा, कीर्ति या नाम के लिए तप करना चाहिए, तप केवल आत्म शुद्धि के लिए किया जाए।”
साध्वी डॉ योगक्षेम प्रभा जी,साध्वी लावण्य प्रभा जी,साध्वी कुंदनयशा जी,साध्वी मुदित प्रभा जी एवं साध्वी मधुर प्रभा जी ने मधुर गीतों से सबका मन मोहा। श्री समकित परीख ने कंप्यूटर सेंटर के शुभारंभ की जानकारी प्रदान की। तपस्वी जयंत रांका के ननिहाल पक्ष से मामी व मासी आदि तपोभिनंदन किया। धन्यवाद ज्ञापन फाउंडेशन के पूर्व अध्यक्ष सुरेंद्र जी कोठारी ने किया। इस अवसर पर मंजुला जी तलेसरा ने भी साध्वी श्री से मासखमण का प्रत्याख्यान किया। राजभवन में एक साथ तीन मासखमण के प्रत्याख्यान हुए। भायंदर से निर्मल जैन व व प्राज्ञमंडल ने सम्मान किया।इस अवसर पर तेरापंथी सभा श्री तुलसी महाप्रज्ञा फाउंडेशन व अन्य संस्थाओं की ओर से तपस्वी भाई बहन अभिनंदन पत्र साहित्य आदि से सम्मान किया गया। तपोपहार के रूप में अनेक भाई बहनों ने आठम तप, छह उपवास, अठाई, आयंबिल, का उपहार दिया। मंच संचालन डॉक्टर साध्वी श्री योग क्षेमप्रभा जी ने कुशलता पूर्वक किया।
कांदिवली में एक साथ तीन मासखमण का प्रत्याख्यान एवं तप अभिनंदन
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