विजयनगर। तेरापंथ भवन विजयनगर में अपने दैनिक प्रवचन श्रंखला में मुनि श्री रश्मि कुमार जी ने फरमाया व्यक्ति को कभी भी किसी वस्तु का अभिमान नहीं करना चाहिए अगर व्यक्ति प्राप्त वस्तु का अभिमान करता है तो अगले जन्म में उसे उस वस्तु की प्राप्ति नहीं होती।
मुनि श्री ने “फूल की दारुण कहानी फुल की जुबानी” के माध्यम से अभिमान नहीं करने की प्रेरणा प्रदान की। आज के कार्यक्रम में 14 वर्षीय अरविंद पोरवाड़ के 11 दिनों की तपस्या के प्रत्याख्यान के उपलक्ष में फरमाया जिस व्यक्ति को आत्म रूपी ज्योति को पाना है तो तप रूपी अग्नि मैं तपना ही होगा बिना तपे आज तक किसने निखार पाया है।
दीपक को तपे बिना प्रकाश नहीं मिलता, बीज को खपे बिना विकास नहीं मिलता
आदमी ही तप खप कर बनता है सब कुछ- किसी को बना बनाया,इतिहास नहीं मिलता।।
जितना शक्य हो व्यक्ति को कुछ ना कुछ तप करते रहना चाहिए जो शक्य ना हो उसकी श्रद्धा कामना करें, विशिष्ट तप की श्रद्धा करता हुआ जीव अजर अमर स्थान को प्राप्त कर लेता है। इस अवसर पर मुनि प्रियांशु कुमार जी ने कहा- जो व्यक्ति तन से तप का उपार्जन नहीं करता उसे पश्चाताप करना पड़ता है। सभा अध्यक्ष प्रकाश गांधी ने तपस्वी अरविंद पोरवाड की तप अनुमोदना करते हुए उनके उत्तम स्वास्थ्य की मंगलकामना की तथा सभा परिषद महिला मंडल के पदाधिकारीयो द्वारा तपस्वी का सम्मान किया गया।
- समाचार प्रदाता तेयुप उपाध्यक्ष विकास बाँठिया।