वाशी। युग प्रधान आचार्य श्री महाश्रमणजी की विदुषी सुशिष्या साध्वी श्री पंकज श्रीजी ठाना-४ के सानिध्य में अणुव्रत सभागार वाशी में दंपति कार्यशाला का आयोजन रखा गया। कार्यक्रम का शुभारंभ साध्वी श्री जी के मुखारविंद से नमस्कार महामंत्र द्वारा मंगलाचरण पवनजी मंजूजी परमार, पंकजजी दिलखुशजी चंडालिया, महावीरजी रंजनजी हिरण, अरविंदजी नम्रताजी खाठेड ने किया। स्वागत वक्तव्य तेरापंथ सभा अध्यक्ष विनोदजी सुमनजी बाफना द्वारा किया गया। कार्यक्रम में गीतिका नेरुल से राहुलजी प्रियंकाजी सिंघवी, सुरेशजी हिनाजी छाजेड़, शुभमजी भावनाजी हिगड़, धनराजजी प्रतिमाजी सोनी, नाटक की प्रस्तुति कोपरखैरना से चिरागजी श्वेताजी आच्छा, अनीताजी ज्योतिजी भटेवरा, चित्राजी मांडोत ने प्रेरणादाई परिसंवाद किया। खारघर से उत्तमजी प्रीतिजी डूंगरवाल ने कविता गाई। वरिष्ठ श्रावक संपतलालजी विमलाजी बागरेचा नीरजजी बम ने अपने विचार व्यक्त किए।
साध्वी श्री पंकजश्रीजी ने जनमेदनी को संबोधित करते हुए फरमाया भारतीय संस्कृति विवाह पद्धति हमारे समाज की सुव्यवस्था है यह व्यवस्था एक दिन अथवा एक या दो वर्ष की ह नहीं जीवन भर साथ निभाने का दृढ़ संकल्प है। आज संसाधनों की कमी नहीं है लेकिन संतुष्टि की कमी है। एक दूसरे पर कोई विश्वास नहीं करते। दंपति जीवन में विश्वास करना और करवाना अति अपेक्षित है, यही दंपत्ति जीवन की प्रथम भूमिका है। ऐसे दुख भरी जिंदगी को खत्म करने के लिए सुसाइड का तरीका अपनाता है। जो संयम का प्रयोग करता है उसके जीवन में सदा बहार रहती है। जीवन बगिया को महकाने के लिए सहिष्णुता को अपनाएं और अहंकार को तिलांजलि दें। हमारे समाज को विदेशों की हवा से बचाने के लिए संयम, संतुष्टि, समर्पण जिसे पवित्र राहों पर चलने की अपेक्षा है सहिष्णुता ही जीवन का श्रृंगार है।
साध्वी श्री ललिता श्रीजी ने कहा सैकड़ों कष्ट आने पर भी राम सीता एवं सत्यवान सावित्री एवं नल दमयंती की तरह अडिग रहें। साध्वी श्री शारदाप्रभाजी ने कहां इगो वायरस का कनेक्शन कट जाए तो हर जीवन सुखी बन जाता है। साध्वी सम्यकयशाजी ने कहा विधायक चिंतन ही जीवन के सुख की चाबी है।
तेरापंथ महिला मंडल वाशी संयोजिका इंदुजी बडाला ने जैन विद्या कार्यशाला की जानकारी दी एवं श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथ महिला मंडल मुंबई द्वारा आयोजित सुर संगम फिनाले प्रतियोगिता मे वाशी महिला मंडल की बहने प्रेक्षाजी कोठारी शीतलजी मेहता पदमाजी गादिया विजेताजी भंसाली रेणु जी कोठारी ने भाग लिया।
कार्यक्रम में बाबूलालजी बाफना, सोहनलालजी कोठारी, रतनलालजी सिंयाल, अशोकजी आच्छा, उत्तमचंदजी छाजेड़, महावीरजी चोरड़िया, सुशीलजी मेडतवाल, चेतनजी कोठारी, विनोद जी बाफना, निर्मलाजी चंडालिया, सभा कोषाध्यक्ष नरेंद्रजी वडाला, सुरेशजी बाफना, परिषद मंत्री महावीरजी हिरण, कोषाध्यक्ष विनोदजी, बाफना कोपरखैरना, परिषद अध्यक्ष बसंतजी लोढा, शोभालालजी बाफना, रमेशजी बाफना, अशोक जी गोखरू, नवी मुंबई क्षेत्र वाशी कोपरखैरना घंसौली एरोली नेरुल खारघर सीबीडी पनवेल से 131 सजोड़े ने भाग लिया एवं लगभग 350 गणमान्य महानुभाव की उपस्थिति रही।
कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए परिषद अध्यक्ष महावीरजी सोनी, राजूजी कावड़िया, विमलजी कोठारी, जितेंद्रजी सिंघवी, राकेशजी राठौड़, अमितजी आचलिया, जीतूजी बापना का व्यवस्था में सहयोग रहा। कार्यक्रम में आभार ज्ञापन राकेशजी ललिताजी चंडालिया द्वारा किया गया। कार्यक्रम का कुशल संचालन तेरापंथ सभा मंत्री अर्जुनजी शिल्पाजी सोनी ने किया। यह जानकारी JTN प्रतिनिधि पंकज चंडालिया ने दी।
वाशी में “खुशाहाली लाये 131 दंपति कार्यशाला” का आयोजन
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