विजयनगर। तेरापंथ युवक परिषद विजयनगर द्वारा एवं युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि श्री रश्मि कुमार जी के पावन सानिध्य में मुनि श्री प्रियांशु कुमार जी के निर्देशन में भव्य दंपति आराधना अनुष्ठान का आयोजन अर्हम भवन विजयनगर में किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ महिला मण्डल द्वारा मंगलाचरण से हुआ। कार्यक्रम की भव्यता देखने लायक थी। मुनि श्री रश्मि कुमार जी ने कई मंत्रो की साधना करवाते हुए उनके महत्व को बताया। आज के युग मे हम मंत्रो के द्वारा किस प्रकार से तनाव मुक्त रह सकते है। मनोवांछित कार्य सिद्धि मंत्र, वैर सम्मन मंत्र, क्रोध-आवेश शांति मंत्र, सर्व मंगलकारी मंत्र, शांतिदायक मंत्र, पारस्परिक सौहार्द मंत्र व ग्रह-शान्तिदायक मंत्रो द्वारा हम आधी-व्याधि उपाधि से मुक्ति पाते हुए। अपने जीवन को सुव्यवस्थित बना सकते है। अनुष्ठान के द्वारा व्यक्ति के कर्मो की निर्जरा होती है। जिससे हर व्यक्ति हर प्रकार की सुख-समृद्धि को प्राप्त कर सकता है। चातुर्मास काल मे समय-समय पर होने वाले अनुष्ठानों में सभी लोगो का बढ़-चढ़ कर भाग लेना चाहिए। जिसके द्वारा एक अध्यात्मय वातावरण का निर्माण हो सके व सामूहिक रुप मे किये जाने वाले अनुष्ठानों से पारिवारिक, सामाजिक व राष्ट्र की समस्याओं से मुक्ति का मार्ग प्रसस्त हो सके।मुनि श्री प्रियांशु कुमार जी ने कहा विघ्न-हरण ग्रह-शान्ति का यह अनुष्ठान एक दुर्लभ अनुष्ठान है। इसमें भाग लेकर व्यक्ति अपने जीवन को सुखी और सम्रद्ध बना सकता है।
अनुष्ठान में दो सौ से अधिक जोड़ो ने मंत्रो से गर्भित पिरामिड को अपने मस्तिष्क पर धारण कर स्वास्तिक के आकार में बैठ कर भाग लिया।कार्यक्रम में अभातेयुप से प्रभुद विचारक श्री दिनेश पोखरणा, सभा अध्यक्ष श्री प्रकाश गांधी एवं उनकी टीम, महिलामण्डल उपाध्यक्ष श्रीमती मंजू गादिया एवं उनकी टीम भवन निर्माण समिति अध्यक्ष श्री पुखराज श्री श्रीमाल, परिषद पूर्व अध्यक्ष श्री राजेश चावत, श्री संपत चावत, श्री महेंद्र टेबा, श्री अभिषेक कावड़िया, श्री दिनेश मरोठी, निवर्तमान अध्यक्ष श्री अमित दक एवं सम्पूर्ण प्रबंध मंडल और कार्यसमिति सदस्यों के साथ मैसूर के श्रावक-श्राविकाओं की अच्छी उपस्थिति रही। कार्यक्रम के प्रायोजक श्री भंवरलाल मांडोत परिवार बरार बैंगलोर थे। अनुष्ठान को सफल करने में तेयुप संयोजक श्री देवांग बैद एवं सुनित डागा तथा सभा संयोजक ज्ञानू नाहटा एवं महिला मण्डल संयोजीका सुनीता श्रीमाल का अनुष्ठान में विशेष श्रम रहा। आभार परिषद उपाध्यक्ष श्री विकास बांठिया ने ज्ञापित किया।
अध्यात्म की ऊंचाई तक पहुंचाने का सोपान है अनुष्ठानः मुनि श्री रश्मि कुमार जी
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