मुंबई। अभातेयुप के तत्वावधान मे शासन श्री साध्वी सोमलता जी के सान्निध्य में दक्षिण मुम्बई, वरली, दादर, एलफिंस्टन के बच्चों की मंत्र दीक्षा का शानदार कार्यक्रम आयोजित हुआ । शासन श्री साध्वी सोमलता जी ने कहा ज्ञानशाला संस्कारों की फुलवारी है। वर्तमान में शिक्षा के धुआंधार प्रचार-प्रसार में संस्कार निर्माण को हाशिये पर धकेल दिया गया। फलस्वरूप मस्तिष्क विकसित होता गया और हृदय सिकुड़ता गया | एकांगी विकास से समस्याओं की बाढ़ आ गई | साध्वी श्री जी ने आगे कहा- ऐसे समय में गुरुदेव तुलसी ने ज्ञानशाला का उपक्रम देकर संस्कारों को पुनर्जीवित करने का प्रयास किया । अभिभावक अपने बच्चों को संस्कारित करने के लिए ज्ञानशाला में भेजे तो भावी पीढ़ी विनाश से बच सकती है । विघ्न विनाशक, शांति प्रदायक, कर्म नाशक,नमस्कार की महत्ता बताते हुए बच्चों को प्रतिदिन 21 बार नमस्कार महामंत्र बोलने का आह्वान किया । और ज्ञानशाला की प्रशिक्षिकाओं के बलिदान की अनुमोदना की। कार्यक्रम का शुभारम्भ नमस्कार महामंत्रोच्चारण से हुआ। एलफिस्टन ज्ञानशाला ने सुमधुर गीत का मंगल संगान किया।
युवक परिषद के अध्यक्ष नीतेश धाकड़ ने स्वागत भाषण दिया । दक्षिण मुम्बई ज्ञानशाला के बच्चों के द्वारा थावच्चापुत्र की नाटिका प्रस्तुत की गई। दादर के बच्चों ने अनाथी मुनि का परिसंवाद प्रस्तुत किया। प्रशिक्षिकाओ एवं बच्चों के द्वारा गीत के माध्यम से मंत्र दीक्षा की साध्वीश्री से प्रार्थना की गई । मुम्बई ज्ञानशाला की आंचलिक सह संयोजिका राजश्री कच्छारा व मघवागणी जोन संयोजिका वनिताजी धाकड़ ने अपने विचार प्रस्तुत किये। साध्वी श्री संचित यशाजी ने वीतराग अनुप्रेक्षा करवाई। साध्वी शकुन्तला कुमारी जी, जागृतप्रभाजी व रक्षितयशाजी ने तीर्थकर स्तुति की। शालीन बरमेचा व निष्का कावड़िया ने भक्तामर का पाठ सुनाकर श्रोतागण को विस्मित कर दिया । कार्यक्रम का कुशल संचालन रेखा बरलोटा ने किया। आभार ज्ञापन दक्षिणमुंबई से तेयुप मंत्री रोनकजी धाकड़ ने किया । व्यवस्था में महाप्रज्ञ विद्यानिधि फाउंडेशन का सहयोग रहा। यह जानकारी अशोक बरलोटा ने दी।
समाचार प्रदाता : नितेश धाकड़
ज्ञानशाला संस्कारों की फुलवारी है -शासन श्री साध्वी श्री सोमलताजी
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