नई दिल्ली। एनडीए के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार घोषित किए गए पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ वकालत से लेकर राजनीति तक प्रभावशाली चेहरा रहे हैं। मौजूदा सियासी समीकरणों के आधार पर जगदीप धनखड़ का उपराष्ट्रपति पद पर चुना जाना लगभग तय माना जा रहा है। राजस्थान में झुंझुनू निवासी धनखड़ के जीतने के बाद संसद के दोनों सदनों को चलाने वाले राजस्थान के नेता होंगे। कोटा से सांसद ओम बिडला लोकसभा अध्यक्ष हैं। उपराष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति होते हैं, इस लिहाज से धनखड़ राज्यसभा चलाएंगे। झुंझुनू जिले के एक छोटे से गांव किठाना में पैदा हुए जगदीप धनखड़ ने राजस्थान हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक वकालत की। हाईकोर्ट में कई हाई प्रोफाइल मुकदमों की पैरवी की। जेपी आंदोलन के दौरान भी धनखड़ सक्रिय रहे थे।
वकालत से लेकर सियासत तक दोनों मोर्चों पर धनखड़ बराबर अपना लोहा मनवाते रहे हैं। दिग्गज नेता देवीलाल के नजदीक रहे। पूर्व उपराष्ट्रपति और राजस्थान के पूर्व सीएम भैरोसिंह शेखावत के भी नजदीकी रहे हैं। जनता दल से सांसद, कांग्रेस से विधायक रहे। केंद्र में लॉ मिनिस्टर रहे।
90 के दशक के बाद जगदीप धनखड़ RSS में सक्रिय हुए। उन्होंने वकीलों का संगठन बनाकर उन्हें संघ से जोड़ना शुरू किया। अधिवक्ता परिषद के गठन में उनकी बड़ी भूमिका मानी जाती है। अधिवक्ता परिषद में काम करने से उनके RSS और BJP के टॉप नेताओं से संपर्क बढ़े। राज्यपाल बनने से पहले तक वे वकालत के साथ संगठन के कामों में लगातार एक्टिव रहे। एनडीए के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार घोषित होने के बाद धनखड़ के पैतृक गांव किठाना (झुंझुनू) में खुशी का माहौल है। गांव वालों ने मिठाइयां बांटीं। धनखड़ कुछ समय पहले ही पैतृक गांव गए थे, जहां उन्होंने विकास के कामों का लोकार्पण भी किया था।
भैरोसिंह शेखावत के बाद राजस्थान से दूसरे उपराष्ट्रपति होंगे जगदीप धनगड़, आरएसएस के रहे हैं सक्रिय सदस्य
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