- प्रभु श्री कृष्ण भक्तों को भाव, भक्ति और प्रेम मिलते हैं
- पवित्र नदियों में कभी भी निर्वस्त्र होकर स्नान नहीं करना चाहिए
भदोही। भगवान कृष्ण योगेश्वर के भी योगेश्वर है और श्रीमद्भभागवत भारत की सबसे श्रेष्ठ कथा है। प्रभु श्री कृष्ण भाव, भक्ति और प्रेम मिलते हैं। गोपियां भगवान कृष्ण को पाने के लिए देवी कात्यायनी की पूजा करती थी। सभी गोपियां भगवान कृष्ण से प्रेम करती थी। हरीपुर, अभिया में आयोजित यजमान शकुंतला मिश्र पत्नी श्यामधर मिश्र एव राजेंद्र प्रसाद मिश्र के यहां चल रहे सात दिवसीय भागवत कथा में कुल गुरु पंडित शिव शंकर मिश्र ने श्री कृष्ण भक्तों को यह कथा सुनायी। उन्होंने कहा व्यासजी राजा परीक्षित को कथा सुनाते हुए कहा कि भगवान कृष्ण सबसे बड़े योगेश्वर हैं। उनके जैसा सृष्टि कोई योगी नहीं। कृष्ण से जिसने प्रेम किया वह उसी का होकर रह गया।
श्रीमद् भागवत कथा में उन्होंने कहा कि भागवत भारत की सबसे श्रेष्ठ कथा है। इसके श्रवण से सारे कलुष मिट जाते हैं। हर मनुष्य को भागवत कथा का रसपान जरूर करना चाहिए। भगवान कृष्ण ने गोपियों के वस्त्र का हरण कर लिया था। गोपियां भगवान कृष्ण को पति के रूप में पाना चाहती थी। यमुना में जब गोपियां जलक्रीड़ा कर रही थी तो भगवान बाल शाखाओं के साथ कदम के पेड़ पर चढ़कर गोपियों के सारे वस्त्र अपने पास रख लिए। गोपियों को यमुना जल से बाहर निकलने के लिए कहने लगे।लेकिन गोपियां यमुना में निर्वस्त्र होकर स्नान कर रहीं थी ऐसी स्थिति में वह जल से कैसे बाहर निकलती।
भगवान कृष्ण ने गोपियों को उपदेश देते हुए कहा जल में कभी भी निर्वस्त्र होकर स्नान नहीं करना चाहिए। क्योंकि ऐसा करना जल का अपमान होता है और जल देवता नाराज हो जाते हैं। पवित्र नदी और सरोवर में स्नान के दौरान शरीर पूरे कपड़े नहीं त्यागने चाहिए। राजा परीक्षित को कथा श्रवण कराते हुए व्यासजी ने कहा कि कृष्ण प्रेम के वशीभूत हैं और गोपियां कृष्ण से प्रेम करती हैं। इसलिए कृष्ण को पाना गोपियों के लिए दुष्कर नहीं है।