कलाकारः आलिया भट्ट, अजय देवगन, विजय राज, सीमा पाहवा, हुमा कुरैशी आदि
डायरेक्टरः संजय लीला भंसाली
संजय लीला भंसाली की फिल्म “गंगूबाई काठियावाड़ी” छिटपुट विवादों के बाद आखिर रिलीज हो गई। फिल्म में आलिया भट्ट के अलावा अजय देवगन, विजयराज जैसे मजे हुए कलाकारों से सजी इस फिल्म का सबसे मजबूत पहलू आलिया भट्ट का मजबूत परफार्मेंस और फिल्म का विषय वस्तु है। जो कि एक लड़की जो कमाठीपुरा की बदनाम गलियों में पहुंचा दी जाती है, उसने अपने अंदर के इंसान, इमोशंस और जीवटता को जिंदा रखा है। फिल्म में सीमा पाहवा, शांतनु माहेश्वरी, इंदिरा तिवारी तथा गेस्ट अपीरियंस में हुमा कुरेशी हैं।
कहानीः फिल्म “गंगूबाई काठियावाड़ी” काठियावाड़ के एक संपन्न परिवार की लड़की गंगा जो फिल्म में हीरोइन बनना चाहती है, उसके मुंबई की बदनाम कमाठीपुरा की गलियों में पहुंचकर उसके संघर्षों और सफलता की कहानी है। गंगा के यहां पहुंचने का जिम्मेदार कोई और नहीं बल्कि उसका प्रेमी रमणीकलाल (शांतनु पाहवा) होता है, जो उसे फिल्म में हीरोइन बनाने के बहाने मुंबई ले जाकर कमाठीपुरा में 1000 रुपए में बेच देता है। वहां से शुरू होती है गंगा के गंगूबाई बनने की कहानी। गंगूबाई चूंकि शुरुआत से ही तेज तर्रार लड़की है इसलिए जब उसे पता चल जाता है कि यही उसकी नीयति है तो वह वहां की लड़कियों के लिए लड़ना शुरू कर देती है। एक बार एक ग्राहक उसके साथ बहुत मारपीट करता है, जिससे वह बुरी तरह से घायल हो जाती है और जब उसके खिलाफ कुछ बोलना चाहती है तो पता चलता है कि वह मुंबई के डॉन रहीम लाला (अजय देवगन) का आदमी है तो वह सीधे रहीम लाला के यहां पहुंचकर सारी व्यथा बताती है। यह देख रहीम लाला दुखी होता है और उसे मदद का भरोसा दिलाता है। जब दूसरी बार वह आता है तो गंगू रहीम लाला को संदेश भिजवा देती है, जिसके बाद रहीम खुद आकर उसकी पिटाई करता है। इसके बाद तो पूरे कमाठीपुरा में गंगू के नाम का डंका बजने लगता है और वह यहां की नेता बन जाती है। फिल्म में गंगूबाई की जीवन कहानी के साथ ही सेक्स वर्कर्स की परेशानियों, उनके बच्चों की शिक्षा सहित कई विषयों को बहुत ही बारीकी उठाया गया है। यह सब कैसे होता है, विजयराज की शानदार भूमिका और अंत में फिल्म क्या मोड़ लेती है, यह सब जानने के लिए एक बार थिएटर जाएं और “गंगूबाई काठियावाड़ी” जरूर देखें।
अभिनयः “गंगूबाई काठियावाड़ी” में गंगूबाई की भूमिका में आलिया भट्ट ने शानदार अभिनय किया है, जबकि अजय देवगन को जितना भी स्क्रीन मिला है, उसमें उन्होंने हमेशा की तरह काफी प्रभावशाली दिखे हैं। विजयराज तो वैसे भी अपनी भूमिकाओं में जान डाल देते हैं, यहां भी उन्होंने रजियाबाबई के किरदार में वही किया है। हालांकि उन्हें काफी कम स्क्रीन मिला है। हुमा कुरैशी गेस्ट अपीरियंस के तौर पर एक कौव्वाली में नजर आ रही हैं, उसमें खूबसूरत दिखी हैं। बाकी कलाकारों में सीमा पाहवा, जिम सर्भ, इंदिरा तिवारी, शांतनु माहेश्वरी आदि कलाकारों का भी अभिनय बढ़िया है।
निर्देशन एवं संगीतः संजय लीला भंसाली के निर्देशन एवं भव्यता के लिए सभी परिचित हैं, एक बार फिर उन्होंने अपने उसी प्रतिभा का परिचय यहां भी दिया है और अच्छी फिल्म बन गई है। कहीं भी उन्होंने बोर नहीं किया है और न ही विषय से भटके हैं।
कुल मिलाकर उनकी बाकी फिल्मों की तुलना में न तो मजबूत है न ही कमजोर। एक अच्छी कहानी पर अच्छी फिल्म बनाने में संजय लीला भंसाली कामयाब रहे हैं।
सुरभि सलोनी की तरफ से “गंगूबाई काठियावाड़ी” को 4 स्टार।
- दिनेश कुमार ([email protected])