नई दिल्ली: भारत के केंद्रीय दवा प्राधिकरण की विशेषज्ञ समिति (SEC) ने सोमवार को 12 से 18 साल के बच्चों के लिए कुछ शर्तों के साथ बायोलाजिकल ई के कोरोना टीके ‘कोर्बेवैक्स’ का आपात इस्तेमाल करने की मंजूरी देने की सिफारिश की। सूत्रों ने बताया कि ‘केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की कोरोना पर विषय विशेषज्ञ समिति ने बायोलाजिकल ई के आवेदन पर विचार विमर्श किया और कुछ शर्तों के साथ मंजूरी देने की सिफारिश की। इस सिफारिश को अंतिम मंजूरी के लिए डीसीजीआइ को भेजा गया है।
सूत्रों ने बताया कि सरकार ने अबतक 15 साल से कम उम्र के बच्चों का टीकाकरण करने पर फैसला नहीं लिया है। भारत के दवा महानियंत्रक (डीसीजीआइ) ने पहले ही वयस्कों के लिए कोर्बेवैक्स के आपात आधार पर इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है। हालांकि अभी इसे टीकाकरण अभियान में शामिल नहीं किया गया है। यह टीका मांसपेशियों में लगाया जाता है। यह दो डोज की वैक्सीन है जिसे 28 दिनों के अंतराल पर लेनी होगी। 15-18 आयु वर्ग के 1.5 करोड़ किशोरों का पूर्ण टीकाकरण हुआ।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने सोमवार को कहा कि 15 से 18 वर्ष आयु वर्ग के 1.5 करोड़ से अधिक किशोरों का कोरोना वायरस के विरुद्ध पूर्ण टीकाकरण हो गया है। मांडविया ने ट्वीट किया,’युवा भारत पूरे जोश से इस महामारी का मुकाबला कर रहा है। 15 से 18 साल तक के आयुवर्ग के डेढ़ करोड़ से अधिक किशोरों का अब पूर्ण टीकाकरण हो गया है।’ बता दें कि इस आयुवर्ग की अनुमानित आबादी 7.4 करोड़ है। इनमें से 70 प्रतिशत को पहली डोज लगा दी गई है।
चिकित्सा उपकरण बनाने वाली कंपनी क्रिया मेडिकल टेक्नोलाजी ने सोमवार को कहा कि डीसीजीआइ से उसे आरटी-पीसीआर किट बनाने का लाइसेंस मिल गया है। इस किट से ओमिक्रोन और उसके उप वैरिएंट का 45 मिनट में पता लगाया जा सकता है। कंपनी ने कहा कि इस किट की कीमत कर छोड़कर 150 रुपये है जो बहुत ही किफायती है।