काबुल:अफगानिस्तान में तालिबान के अधिग्रहण के बाद देश पूरी तरह बदल गया है। तालिबानियों ने जमीन के साथ-साथ लोगों की जिंदगियों पर भी कब्जा कर लिया है। तालिबान के सत्ता संभालने के बाद, लोगों के मौलिक अधिकारों को दबा दिया गया। वहीं देश के हालात दिन-ब-दिन बिगड़ते जा रहे हैं। महामारी, आर्थिक संकट, सूखे -भुखमरी के साथ-साथ देश ढेरों परेशानियों से आए दिन जूझ रहा है, जबकि अभी भी तालिबान सरकार की दहशतगर्दी कायम है। बता दें कि पिछले चार महीनों में देश के दस लाख से अधिक लोग अफगान से पलायन कर चुके हैं, इस बात की जानकारी स्थानीय मीडिया ने न्यूयार्क टाइम्स का हवाला देते हुए दी ।
अफगानिस्तान तमाम मुश्किलों का सामना कर रहा है, साथ ही देश की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है। टोलो न्यूज के अनुसार, अधिकांश प्रवासी सीमावर्ती क्षेत्रों को पार कर ईरान और पाकिस्तान में जा रहे हैं। एक निजी परिवहन उद्योग के प्रमुख ने कहा कि प्रतिदिन लगभग 4 हजार लोग ईरान जा रहे हैं। 52 वर्षीय मोहम्मद अयूब और उनका पांच सदस्यीय परिवार ईरान जा रहे हैं, टोलो न्यूज के अनुसार, मोहम्मद अयूब ने कहा, ‘समस्याएं सभी के लिए स्पष्ट हैं। अफगानिस्तान में गरीबी, बेरोजगारी है और युवाओं के लिए कोई शैक्षिक अवसर नहीं है।’ उन्होंने कहा, ‘मैं जाना चाहता हूं क्योंकि मैं चाहता हूं कि मेरे बच्चे एक अच्छे माहौल में अपनी पढ़ाई जारी रखें।’ मोहम्मद अयूब ने उच्च शिक्षा मंत्रालय में 10 साल तक काम किया है। अयूब ने कहा कि अफगानिस्तान में लोग तमाम दिक्कतों का सामना कर रहे हैं, उनके और उनके परिवार के लिए वहां जीवन व्यतीत करना कठिन हो गया है, इसलिए वह ईरान जा रहे हैं। परिवहन उद्योग के प्रमुखों ने कहा, बहुत से लोग हैं, जो ईरान की सीमा पार करना चाहते हैं। वहीं इनमें से कुछ पाकिस्तान भी जाना चाहते हैं।
एक परिवहन कंपनी के प्रमुख इस्माइल जवानमर्द अमरखेल ने कहा, ‘हर दिन, हम यहां (काबुल) से कंधार, निमरोज और हेरात प्रांतों में 3,500 से 4,000 लोगों को ले जाते हैं।’ इस्लामिक अमीरात के उप प्रवक्ता बिलाल करीमी ने कहा, ‘इस्लामिक अमीरात के आंकड़े बताते हैं कि अफगानिस्तान से रोजाना 1,500 से 2,000 लोग ईरान जा रहे हैं।’ ईरान में प्रवेश करने वाले कई प्रवासी तुर्की की सीमाओं को पार करना चाहते हैं, ताकि वहां से शरण के लिए वे यूरोप चले जाए हैं।