नई दिल्ली:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को देश में कोरोना महामारी की स्थिति की समीक्षा के लिए अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की। बैठक में क्या फैसला लिया गया इसको लेकर बयान आना अभी बाकी है। इससे पहले पीएम मोदी ने 24 दिसंबर को इसी तरह की बैठक की थी। हालांकि तब से, देश में महामारी की स्थिति बदल गई है। भारत में कोरोना के दैनिक मामलों में भारी वृद्धि दर्ज की जा रही है, कई शहरों में ओमिक्रॉन वैरिएंट के भी सैंकड़ों मामले सामने आ चुके हैं।
बैठक इसलिए भी अहम है क्योंकि जनवरी के अंत में शुरू होने वाले संसद के बजट सत्र से ठीक पहले, लोकसभा और राज्यसभा सचिवालयों और संबद्ध सेवाओं के साथ काम करने वाले लगभग 400 कर्मचारी पिछले कुछ दिनों में कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए हैं। सूत्रों के अनुसार, राज्यसभा सचिवालय के 65 कर्मचारी, लोकसभा सचिवालय के 200 और संबद्ध सेवाओं के 133 कर्मचारी नियमित टेस्ट के दौरान 4-8 जनवरी के बीच कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए।
इसके अलावा पीएम मोदी की ये बैठक इसलिए भी अहम है क्योंकि शनिवार को ही भारत चुनाव आयोग ने 5 राज्यों में विभानसभा चुनाव की घोषणा की। आयोग ने राज्यों से टीकाकरण में तेजी लाने का आग्रह किया है। वहीं देश में टीकाकरण कार्यक्रम का भी विस्तार किया जा चुका है। 15 से 18 वर्ष की आयु के किशोरों को कोविड के खिलाफ टीका लगाया जा रहा है, जबकि 10 जनवरी से अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं और वरिष्ठ नागरिकों के लिए एहतियात की खुराक उपलब्ध होगी।
भारत का कोविड-19 टैली पिछले कुछ दिनों में तेजी से बढ़ रहा है। रविवार को, भारत में 1.6 लाख मामले दर्ज किए गए, इसे सक्रिय मामलों की संख्या लगभग 6 लाख हो गई है। कई राज्यों ने ओमिक्रॉन के प्रसार को रोकने के लिए वीकेंड कर्फ्यू, नाइट कर्फ्यू व अन्य प्रतिबंधों को वापस लगा दिया है।