नई दिल्ली:दुनिया में कोरोना संक्रमण की रफ्तार गंभीर हो गई है। एक रिपोर्ट के मुताबिक जनवरी के पहले हफ्ते में कोरोना के रोजाना के आंकड़े औसतन 20 लाख से ज्यादा दर्ज किए गए हैं।
AFP के आंकड़ों के मुताबिक, 1 से 7 जनवरी के बीच रोजाना औसतन 21,06,118 मामले सामने आए। इससे पहले 23 से 29 दिसंबर के हफ्ते में रोजाना औसतन 10 लाख नए कोरोना केस मिल रहे थे। लगभग 10 दिन में ही मामलों में दोगुनी बढ़ोतरी हो गई है। इससे कोरोना की बेहद डरावनी चाल देखी देखी जा रही है।
नवंबर के आखिरी दिनों में दक्षिण अफ्रीका में ओमिक्रॉन वैरिएंट मिलने के बाद से कोरोना के नए केसेस में 270% तक की बढ़ोतरी हुई है।
मौतों के मामले में राहत
कोरोना के मामलों में इजाफे के बाद भी दुनिया में संक्रमण से मौतें कम हो रही हैं। 1 से 7 जनवरी के बीच सात दिनों में औसतन 6,237 लोगों की जान गई। यह अक्टूबर 2020 के बाद से सबसे कम है।
हालांकि कई शुरुआती स्टडीज में यह सामने आया था कि ओमिक्रॉन वैरिएंट कम घातक है और इसका संक्रमण कम खतरनाक है, एक्सपर्ट्स का मानना है कि ओमिक्रॉन के चलते भारी संख्या में मामले दर्ज होने की वजह से स्वास्थ्य व्यवस्था पर बोझ पड़ेगा।
ब्रिटेन में चौथे डोज के समर्थन में नहीं एक्सपर्ट्स
ब्रिटेन के एक्सपर्ट्स का कहना है कि बुजुर्गों के लिए फिलहाल चौथे डोज की जरूरत नहीं है। उनका कहना है कि बूस्टर डोज ओमिक्रॉन समेत कोरोना के सभी वैरिएंट्स से लड़ने में सक्षम हैं। इसलिए चौथे डोज की अभी जरूरत नहीं है।