आर्सेनिक, कैडमियम और टाइटेनियम जैसी जहरीली धातुओं के प्रदूषित पर्यावरण के संपर्क में आने से गर्दन, हृदय और पैरों की धमनियों में गंदगी जमा होने का खतरा बढ़ जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि अगर हम पर्यावरण प्रदूषकों को खत्म कर दें तो दुनिया में हृदय रोग के 31 फीसदी मामलों को कम किया जा सकता है। इस मुद्दे पर किए गए शोध के इस अध्ययन को ‘आर्टेरियोस्क्लेरोसिस, थ्रोम्बोसिस एंड वैस्कुलर बायोलॉजी जरनल’ में प्रकाशित किया गया है।
धातु के कण दूषित मिट्टी के माध्यम से शरीर में प्रवेश कर जाते हैं और पेयजल, वायु प्रदूषक या तंबाकू के धुएं के माध्यम से भोजन को दूषित कर देते हैं। इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि आर्सेनिक और कैडमियम जैसी जहरीली धातुएं हृदय संबंधी खतरे को पैदा करती हैं।
आर्सेनिक और कैडमियम अक्सर तंबाकू और भोजन में पाए जाते हैं, जबकि आर्सेनिक पानी में भी पाया जाता है। टाइटेनियम मुख्य रूप से दांत और हड्डी प्रत्यारोपण, स्क्रू, पेसमेकर लगाने, कॉस्मेटिक उत्पादों और कुछ खाद्य पदार्थों से उत्पन्न होता है।
स्पेन के वेलेंसिया में इंस्टीट्यूट फॉर बायोमेडिकल रिसर्च हॉस्पिटल क्लिनिक डी वेलेंसिया इनक्लिवा की मुख्य शोधकर्ता और स्पेन में यूनिवर्सिडैड ऑटोनोमा डी मैड्रिड में निवारक दवा, सार्वजनिक स्वास्थ्य और सूक्ष्म जीव विज्ञान विभाग में पीएचडी उम्मीदवार मारिया ग्राउ-पेरेज़ एमएससी ने कहा, ‘धातु पर्यावरण में हर जगह व्याप्त है और लोग धातु के निम्न स्तर के संपर्क में हैं।’
एथरोस्क्लेरोसिस (धमनी से संबंधित मल) तब विकसित होता है जब वसा धमनियों में जमा हो जाती है। इससे वे संकीर्ण, कमजोर और सख्त हो जाती हैं। धमनियों के प्रभावित होने से दिल का दौरा, स्ट्रोक, एनजाइना, धमनी रोग या गुर्दे की बीमारी होने की आशंका बनती है।
शोधकर्ताओं ने ‘आरागॉन वर्कर्स हेल्थ स्टडी’ में 1873 वयस्कों (97 फीसदी पुरुष) पर इसका परीक्षण किया। अध्ययन में शामिल प्रतिभागियों ने स्पेन में एक ऑटो बनाने वाली फैक्टरी में काम किया था और उनकी आयु 40 से 55 वर्ष के बीच थी। शोधकर्ताओं ने प्रतिभागियों के पर्यावरणीय जोखिम को नौ जहरीली धातुओं – आर्सेनिक, बेरियम, यूरेनियम, कैडमियम, क्रोमियम, सुरमा, टाइटेनियम, वैनेडियम और टंगस्टन के आधार पर मापा। इसके साथ ही इनका गले की धमनी, ऊरु और कोरोनरी धमनी क्षेत्रों में उपनैदानिक एथेरोस्क्लेरोसिस की उपस्थिति की स्थिति में उत्पन्न होनेवाले जोखिम के संबंधों को पता लगाने की कोशिश कीं।
शोधकर्ताओं ने कहा, ‘वर्तमान वैश्विक पर्यावरण व्यावसायिक और खाद्य सुरक्षा मानक आबादी को कैडमियम, आर्सेनिक और अन्य धातुओं से संबंधित प्रतिकूल स्वास्थ्य प्रभावों से बचाने में कामयाब नहीं हो सकते हैं। इन धातुओं के संक्रमण को रोककर हृदय रोग के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है और इन बीमारियों के इलाज करने के तरीके में काफी सुधार किया जा सकता है।’
अध्ययन के निष्कर्ष
– पुराने अध्ययन के प्रतिभागियों के यूरिन में अधिकांश धातुओं का स्तर अधिक था।
– कुछ महिला प्रतिभागियों के यूरिन में पुरुषों की तुलना में धातु का स्तर अधिक था।
– हर समय धूम्रपान करने वाले वयस्कों में आर्सेनिक, कैडमियम, क्रोमियम और टाइटेनियम का स्तर काफी अधिक था।
– आर्सेनिक, कैडमियम, टाइटेनियम की आशंका सबक्लिनिकल एथेरोस्क्लेरोसिस (धमनी संबंधी बीमारी) वालों में अधिक रही।
– आर्सेनिक और कैडमियम कैरोटिड बढ़े हुए प्लाक (दांतों की गंदगी) से जुड़े थे जो धमनियों के लिए अधिक चिंता का विषय हैं।
– कैडमियम और टाइटेनियम का मिला जुला आर्सेनिक का रूप धमनियों के लिए अधिक विषैला हो सकता है।