- दो दिवसीय दक्षिणांचल युवा सम्मेलन का दूसरा दिवस
चेन्नई। दक्षिणांचल विराट युवा सम्मेलन के द्वितीय दिवस पर साध्वी अणिमाश्रीजी ने युवाओं को शक्ति सम्पन्न बनने की विशेष प्ररेणा दी। साध्वी श्री ने कहा कि शक्तिवान स्वयं अपनी तो रक्षा कर सकता है साथ में वह घर, परिवार, समाज, संगठन की रक्षा में भी योगभूत बन सकता है। साध्वीश्रीजी ने युवाओं के साथ जनसभा को शक्ति संवर्धन, शक्ति रक्षक से सम्पन्न बनने के लिए मंत्रोच्चार का अनुष्ठान करवाया।
संघ हमें सम्मान, स्वाभाविक, पहचान देता है : पंकज डागा
अभातेयुप राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज डागा, महामंत्री पवन माण्डोत ने कहा कि चेन्नई का यह दक्षिणांचल सम्मेलन श्रद्धा, भक्ति, समर्पण, शक्ति का सुंदर आयोजन हैं। संख्या की अपेक्षा गुणात्मक दृष्टि से यह विराट सम्मेलन है। यह संघ हमारा है, अपना है, इस संघ को ह्रदय में संजोकर, ह्रदय में बचाकर, ह्रदय में रमाकर हमको इसके साथ बढ़ना है। जीवन में अगर मां का ऋण नहीं चुका सकते, तो संघ का ऋण भी नहीं चुका सकते। संघ हमें सम्मान देता है, स्वाभिमान देता है, पहचान देता है, अपनापन देता है। सम्मेलन की निष्पत्ति यहीं होगी कि जैसे गीत का एक एक लाइन से गीत आगे बढ़ता है, उसी प्रकार हम भी हर एक साथी और एक साथी को जोड़ेंगे तो यह कतार लम्बी हो जायेगी और हम गर्व से कहेंगे कि हमारा अभातेयुप संगठन 50 हजार का नहीं, 1 लाख युवा साथियों का संगठन हैं। जिसको चैन नहीं, उसको चेन्नई कहते है। आपादा विपदा में जो धैर्यता से तेयुप चेन्नई इस सम्मेलन का आयोजन किया है, उसका मैं पुरे अभातेयुप टीम की ओर से साधुवाद देता हूँ। अभातेयुप प्रबंध मण्डल ने युवादृष्टि के नवीन अंक को साध्वी श्री को निवेदित किया। अन्तिम सत्र में युवा साथियों की जिज्ञासाओं का समाधान भी किया।
मुख्य व्यक्ता डॉ महावीर गोलेच्छा बालोतरा ने युवा शक्ति, करें क्रांति पर अनेकों सूत्र युवा साथियों को दिये। विविध उदाहरणों, घटनाओं के माध्यम से आगे बढ़ने के मार्ग सुझाए। संघ, संगठन और संघपति के प्रति समर्पित भाव, श्रद्धा के साथ सलक्ष्य संलग्न बनने का आह्वान किया।
सोच समझकर, चिंतन पूर्वक करें निर्णय
साध्वी डॉ सुधाप्रभा एवं मंच संचालन करते हुए साध्वी मैत्रीप्रभा ने सुखी-सुरक्षित जीवन के तीन मंत्रों के बारे में बताया कि अतिआनन्द के समय किसी को वचन नहीं देना चाहिए, क्रोध के समय किसी को उत्तर नहीं देना चाहिए, दुःख में होने पर कोई ठोस निर्णय नहीं लेना चाहिए। जिन्दगी को सफल बनाना चाहते हो तो सोच समझकर उत्तर देना चाहिए, चिंतन पूर्वक निर्णय लेना चाहिए। ज्ञानचन्द आंचलिया ने कहा कि उंमग उत्साह का विषय है, मेहनत का विषय है, वादा का विषय है, उमंग से हम जीवन में अनेकों नवरंग भर सकते है। अभातेयुप उपाध्यक्ष रमेश डागा, तेरापंथ सभा मंत्री गजेन्द्र खांटेड़, चेन्नई तेयुप अध्यक्ष मुकेश नवलखा, मैसूर तेयुप अध्यक्ष विक्रम जैन इत्यादि ने अपने सारगर्भित विचार व्यक्त किये।
तेयुप मैसूर, तिरुप्पुर, ने अलग-अलग सत्रों में मंगल संगान किया। तेयुप मंत्री संतोष सेठिया ने मंच संचालन एवं आभार ज्ञापन दिया। समागत तेयुप साथियों, परिषदों, विशिष्ट अतिथियों को तेयुप चेन्नई की ओर से सम्मानित किया गया। मुख्य वक्ता श्री महावीर जी गोलेच्छा का परिचय उपाध्यक्ष विशाल सुराना ने दिया। सम्मान सत्र का संचालन संयोजक विकास कोठारी एवं सह सयोंजक दिलीप गेलड़ा ने किया। संघ गान, पुनर्मिलन के संकल्प और मंगल पाठ के साथ सम्मेलन परिसम्पन्न हुआ। उपरोक्त जानकारी अभातेयुप जेटीएन प्रतिनिधि स्वरूप चन्द दाँती ने दी।