मैसूर। अखिल भारतीय महिला मंडल के निर्देशन से तेरापंथ महिला मंडल द्वारा आयोजित परिवार प्रशिक्षण कार्यशाला के तहत ” रिश्तों को मधुर बनाएं” विषय पर उदबोधन देते हुए साध्वी श्री डॉ मंगल प्रज्ञा जी ने कहा- परिवारों में सौहार्द का वातावरण रहना चाहिए। धर्म के संस्कारों की सौरम फैलती रहनी चाहिए। परिवार आग्रह से नहीं आदर से चलते हैं। पारस्परिक छोटी-छोटी बातों को लेकर तनाव न हो। ‘रात गई बात गई’ यह सूत्र कभी खटास पैदा नहीं करता। एक दूसरे को सहना को गुण ग्राहकता का विकास होना चाहिए। रिश्तों को मधुर बनाने के लिए आवश्यक है पारिवारिक सदस्य एक-दूसरे को समझें। सोरी और थैंक्यू बोलना सीखें। प्रोत्साहन एक ऐसा सशक्त सूत्र है जिससे सबके कदम विकास की ओर अग्रसर होते हैं। खुशियां बांटने से आनन्द प्रवर्धमान रहता है । सदैव अपनी सोच को सकारात्मक बनाए रखें जिसके जीवन की डगर पर कभी किसी प्रकार का अवरोध नहीं आ सकता। कलुषता की स्याही से जीवन की किताब पर कभी प्रेरक प्रसंग नहीं लिखे जा सकते।
भगवान महावीर का आदर्श वाक्य है – अपनी शक्तियों का गोपन न करें। अध्यात्म की डोर अपने रिश्तों को मजबूत बनाए। दुख में सुख निकालने का प्रयत्न करें। दोषरोपण की कालिमा से दूर रहने का प्रयास करें।
कार्यशाला का प्रारंभ साध्वीवृन्द के संगान से हुआ। साध्वी राजुलप्रभा जी एवं साध्वी चैतन्यप्रभा जी ने विस्तृत विचार व्यक्त किये। जयपुर एवं दिल्ली से समागत सेठिया परिवार के सदस्यों ने भावपूर्ण गीत प्रस्तुत किया। शांति लाल जी सेठिया एवं अभातेयुप के पूर्व सहमंत्री सुरेन्द्र सेठिया ने भावों को प्रस्तुति दी। इस अवसर पर 14 नवम्बर को होने वाले महिला मण्डल सम्मेलन के उमंग ‘ बैनर का अनावरण किया गया।
तेरापंथ महिला मंडल की मंत्री वनिता बाफना ने आभार जताया। मंच संचालन साध्वी शौर्यप्रभा जी ने किया । कार्यक्रम के पश्चात् कन्यामंडल द्वारा गेम रखा गया, जिसका सभी ने आनन्द लिया। चेन्नई, बेंगलुरू, तिरुवनामलै, शिमोगा आदि क्षेत्रों की उपस्थिति रही।
समाचार प्रदाता : सुरेन्द्र मुनोत, संवाददाता सुरभि सलोनी
रिश्तों को मधुर और उपयोगी बनाएं – साध्वी डॉ मंगलप्रज्ञा
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