सूरत। गणाधिपति आचार्य श्री तुलसी के अनेक अवदानो में से एक हैं जैन संस्कार विधि। भगवान महावीर निर्वाण दिवस व दीपोत्सव का पावन पर्व दीपावली पर जैन विधि से चोपड़ा पूजन के लिए तेयुप-सूरत द्वारा कार्यशाला का आयोजन किया गया।
नवकार मंत्र के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई। विनीत जी श्यामसुखा द्वारा मंगलाचरण किया गया। महावीर अष्टकम का संगान संस्कारको की टीम द्वारा किया गया। श्रावक निष्ठा पत्र का वांचन चीफ मैनेजिंग ट्रस्टी श्री बालचंदजी बेताला ने किया ।तेयुप अध्यक्ष गौतमजी बाफना ने स्वागत वक्तव्य में बताया कि वर्षभर में कम से कम अपने घरों में एक कार्यक्रम तो जैन संस्कार विधि से अवश्य करे।
जैन संस्कारक श्री विजयकांतजी खंटेड, मनीषजी मालू, सुशीलजी गुगलिया, हिम्मतजी बम्ब, दीपकजी रांका, गौतमजी वेदमुथा, विनीतजी श्यामसुखा द्वारा जैन संस्कार विधि महत्व को समझाया। लगभग 150 स्वजनों ने इस पूजन में भाग लिया, सबको तिलक ओर मोली, सम्पूर्ण विधि व मंगलमंत्रोच्चार से चोपड़ा पूजन करवाया गया ।
संस्कारको की प्रेरणा से सभी ने त्याग प्रत्याख्यान किये एवं परिवार में जैन संस्कार विधि को प्रधानता देने को कहा। साध्वी श्री लब्धिश्रीजी द्वारा बृहद मंगल पाठ के साथ सबको लाभान्वित किया गया। गुड और मिठाई से सभी स्वजनों का मुंह मीठा किया गया और आभार ज्ञापन तेयुप सूरत मंत्री अभिनंदन गादिया ने किया।
“तेरापंथ युवक परिषद-सुरत” द्वारा “जैन संस्कार विधि” से सामुहिक चोपड़ा पूजन
Leave a comment
Leave a comment