दिनेश कुमार/गौर (बस्ती)। उत्तर प्रदेश में कोरोना का कहर जारी है। कोई दिन नहीं रहता जिस दिन आसपास के इलाकों में 2-4 मौतें न हों। यही नहीं इस समय कोई घर नहीं बचा है, जहां कोई न कोई सर्दी, बुखार, खांसी से पीड़ित न हो बावजूद इसके 29 अप्रैल को संपन्न हुए पंचायत चुनाव के अंतिम चरण में अपना मतदान करने के लिए मतदाता बड़ी संख्या में उमड़े। इस बार बिशुनपुरा ग्रामसभा में पिछले चुनाव की तुलना में अधिक मतदान हुआ। यहां इस बार कुल 917 मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया जबकि पिछली बार 775 के आसपास ही मतदाताओं ने वोटिंग की थी।
सुबह 7 बजे से शुरू हुआ मतदान पौने 8 तक चला
बिशुनपुरा सहित यहां आसपास के तमाम पोलिंग बूथों पर 29 अप्रैल को सुबह 7 बजे मतदान शुरू हो गया था तथा 4 बजे तक 55 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने वोट डाल चुके थे। हालांकि दोपहर में कम लोग मतदान के लिए निकले थे जिससे लाइन थोड़ी कम हुई लेकिन शाम के समय फिर लंबी लाइन लगी जो कि 7 से 7.45 बजे तक ज्यों की त्यों बनी रही। वोटिंग का समय सुबह 7 से 6 बजे तक था लेकिन जिन लोगों ने 6 बजे तक लाइन लगा लिया था, उन्हें वोट डलवाने में 7.45 बजे गए। सभी के वोट डालने के बाद मतदानकर्मियों ने मतपेटी सील किया उसके बाद मतपेटी लेकर रवाना हुए।
पुलिस ने कई बार भगाई भीड़, करवाया मतदान
पोलिंग बूथ के आसपास उम्मीदवारों के लोग व उम्मीदवार मंडराते रहे तथा कई बार पास आकर मतदाताओं से गुफ्तगू करते दिखे जो पुलिसकर्मियों को बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगा और कई बार डंडे लेकर उन्हें खदेड़ना पड़ा। इस बीच एक युवक का वोट किसी और ने डाल दिया था, जिसे स्थानीय चौकी इंचार्ज के दखल के बाद चैलेंज करवाकर उसकी फीस भरवाई तथा उसकी वोटिंग करवाया।
कई नाम सूची से रहे गायाब, मतदान से चूके
इस बार के पंचायत चुनाव में तमाम मतदाताओं के जिन्होंने पिछले चुनावों में मतदान किया था, उनका नाम कट गया था, जिससे वे मतदान से वंचित रहे। इसे लेकर वर्तमान ग्राम प्रधान पर आरोप भी लगे। हालांकि मामला जो भी हो लेकिन कई मतदाता अपने मत का उपयोग करने से वंचित रह गए।
मतदान के लिए जैसे लाइनमैन का नंबर आया, कट गई बिजली
यहां मतदान का एक और दिलचस्प नजारा देखने को मिला। मतदान सुबह 7 बजे से ही शुरू हो गया था, जो कि रात 7.45 तक चला। मतदान के अंतिम पड़ाव में लंबी लाइन लगी थी, इसी में क्षेत्र के लाइनमैन रामसूरत भी लाइन में लगे थे। जैसे ही रामसूरत का नंबर आया उन्होंने हाथ में बैलेट पेपर पकड़ा ही था कि लाइट कट गई। इस पर सभी ने उनकी चुटकी लेनी शुरू कर दी। कईयों ने कहा खूब लोगों की बिजली काटते हो और तुम्हारा नंबर आया तो दूसरे ने काट दी। अंत में उन्हें अंधेरे में ही मतदान करना पड़ा। मतदान के बाद उन्होने फीडर पर फोन करके तुरंत लाइन जोड़ने का अग्रह किया तब जाकर बिजली आई और बाकी लोगों ने मतदान किया।
पूरे दिन भूखे रहे मतदानकर्मी
मतदान करवाने आई मतदानकर्मियों की टीम पूरे दिन भूखे रह गई। दरअसल खाने को लेकर कुछ गलतफहमियों की वजह से खाने के कई पैकेट बिशुनपुरा पुलिस चौकी पर रखे रह गए जबकि यहां मतदानकर्मी भूखे रह गए। इस बीच प्रत्याशियों और सीटिंग प्रधान सहित किसी अन्य जिम्मेदार व्यक्ति ने भी इस ओर ध्यान नहीं दिया जिसकी वजह इस क्षेत्र के लोगों की काफी फजीहत हुई। लोगों का मानना था कि कम से कम एक बार जिम्मेदार लोगों को खाने के बारे में पूछकर उनके लिए इंतजाम करवाना चाहिए था।
पंचायत चुनाव के अंतिम चरण का मतदान संपन्न हो गया इसी के साथ सभी प्रत्याशियों की किस्मत मतपेटी में बंद हो गई है। इस दौरान ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य (बीडीसी) एवं जिला पंचायत सदस्य पद के लिए वोट डाले गए। यहां प्रधान पद के 4 उम्मीदवार मैदान में हैं, जबकि मुकाबला वर्तमान ग्राम प्रधान दीन दयाल मिश्र की पत्नी उर्मिला देवी, राजेश प्रसाद उर्फ राजू मिश्रा तथा 20 वर्षीय युवा विनोद कुमार के बीच त्रिकोणीय बताया जा रहा है। इस बार जीत किसकी होगी और कौन प्रधान बनेगा इसकी फैसला 2 मई को मतगणना के बाद होगा।