वॉशिंगटन:अमेरिका ने 2019 में दुनिया के कई आतंकी संगठनों के करीब छह करोड़ तीस लाख डॉलर (460 करोड़ रुपए) ब्लॉक कर दिए। इनमें पाकिस्तान के लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन भी शामिल हैं। ये तीनों संगठन कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ावा देते रहे हैं।
अमेरिकी ट्रेजरी डिपार्टमेंट की ओर से गुरुवार को जारी एनुअल रिपोर्ट में बताया गया है कि लश्कर-ए-तैयबा के तीन लाख 42 हजार डॉलर, जैश-ए-मोहम्मद के 1,725 डॉलर और हरकत-उल-मुजाहिदीन-अल-इस्लामी के 45,798 डॉलर सीज किए गए हैं। ये तीनों पाकिस्तान से ऑपरेट होते हैं। हरकत-उल-मुजाहिदीन-अल-इस्लामी भी कश्मीर में एक्टिव है।
हिजबुल मुजाहिदीन के 4321 डॉलर ब्लॉक किए गए हैं। 2018 में यह रकम 2287 डॉलर थी। अमेरिका ने तहरीक-ए-तालिबान के 2019 में 5,067 डॉलर सीज किए थे। 2018 में यह राशि इससे कहीं कम 318 डॉलर थी।
OFAC ने की कार्रवाई
डिपार्टमेंट ऑफ ट्रेजरी ऑफिस ऑफ फॉरेन असेट्स कंट्रोल (OFAC) अमेरिका की अहम एजेंसी है। यह दुनिया भर के आतंकवादी संगठनों और आतंकवाद समर्थक देशों की संपत्ति सीज करने के लिए जिम्मेदार है। यह एजेंसी अमेरिकी विदेश नीति और नेशनल सिक्योरिटी को ध्यान में रखते हुए यह कार्रवाई करती है।
अल कायदा को सबसे ज्यादा झटका
रिपोर्ट के अनुसार, 2019 में अमेरिका ने लगभग 70 आतंकवादी संगठनों के 63 मिलियन डॉलर रोक लिए। इसमें अल-कायदा के सबसे ज्यादा तीस लाख 90 हजार डॉलर थे। 2018 में अलकायदा को ही सबसे ज्यादा चोट लगी थी। तब सीज किए गए कुल चार करोड़ तीस लाख डॉलर में से उसके 64 लाख डॉलर थे।
लिस्ट में हक्कानी नेटवर्क भी शामिल है। उसके 26,546 डॉलर सीज किए गए हैं। 2018 में यह रकम 3,626 डॉलर थी। अमेरिका ने श्रीलंका के लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (LTTE) के फंड में 580,811 डॉलर भी ब्लॉक रखे हैं।
तालिबान को राहत मिली
इस रकम में सबसे ज्यादा गिरावट तालिबान में आई है। 2018 में अमेरिका ने उसके दो लाख 96 हजार 805 डालर सीज किए थे। 2019 में यह रकम 59,065 डॉलर रह गई। अमेरिका ने आतंकवाद के फंडिंग करने के लिए घोषित देशों ईरान, सूडान, सीरिया और उत्तर कोरिया के फंड में 20 करोड़ डॉलर रोक दिए हैं।