नई दिल्ली:अपने जमाने के दिग्गज स्पिनर और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की क्रिकेट समिति के चेयरमैन अनिल कुंबले ने लार पर प्रतिबंध के बावजूद गेंद को चमकाने के लिए कृत्रिम पदार्थ के उपयोग की पैनल की असहमति को दोहराया। उन्होंने कहा कि खेल दोबारा शुरू होने पर पिचों को इस तरह से तैयार किया जा सकता है कि गेंद और बल्ले के बीच संतुलन बना रहे। समिति ने कोराना वायरस के खतरे से बचने के लिए पिछले महीने गेंद पर लार का उपयोग करने पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की थी, लेकिन साथ ही उस पर कृत्रिम पदार्थ के उपयोग की भी अनुमति नहीं दी थी जबकि इस संबंध में चर्चाएं चल रही थी।
इसके बाद कई पूर्व और वर्तमान खिलाड़ियों ने लार के विकल्प की बात की। इनमें भारत के तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह भी शामिल हैं। कुंबले ने फिक्की वेबीनार में कहा, ”क्रिकेट में आपके पास पिच होती है जिसके हिसाब से आप खेल सकते हैं तथा बल्ले और गेंद के बीच संतुलन बना सकते हैं।” गेंदबाजों को टेस्ट क्रिकेट में लार के उपयोग की कमी महसूस होगी, क्योंकि इससे उन्हें परंपरागत और रिवर्स स्विंग हासिल करने में मदद मिलती है।
टेस्ट मैचों में स्पिनर्स को वापस लेकर आओ
कुंबले ने कहा, ”आप पिच पर घास छोड़ सकते हो या दो स्पिनरों के साथ खेल सकते हो। टेस्ट मैचों में स्पिनरों को वापस लेकर आओ, क्योंकि वनडे मैच या टी20 में आप गेंद को चमकाने को लेकर चिंतित नहीं होते हो। वह टेस्ट मैच हैं जिनके बारे में हम बात कर रहे हैं।”
इस पूर्व भारतीय कप्तान ने कहा, ”और टेस्ट मैचों में क्यों न हम ऑस्ट्रेलिया में या इंग्लैंड में दो-दो स्पिनरों के साथ खेलें जैसा कि अमूमन नहीं होता है।” कुंबले ने पहले भी कहा था कि लार पर प्रतिबंध अंतरिम उपाय है और उन्होंने कहा कि कृत्रिम पदार्थ के उपयोग की अनुमति से खेल में रचनात्मकता नहीं रहेगी।
गेंद पर बाहरी पदार्थ के उपयोग को लेकर रवैया सख्त
उन्होंने कहा, ”हम गेंद पर कुछ अन्य पदार्थ का उपयोग कर सकते हैं। गेंद पर क्या उपयोग करना है और क्या नहीं इसको लेकर इतने वर्षों तक हमारा रवैया बेहद कड़ा रहा है।” कुंबले ने कहा, ”गेंद पर बाहरी पदार्थ के उपयोग को लेकर हमारा रवैया बेहद सख्त रहा है। हमने इस बात को महसूस किया। हमें रचनात्मकता के साथ खिलवाड़ नहीं करना चाहिए।”
कुंबले ने हालांकि स्वीकार किया कि खिलाड़ियों के लिए लार का उपयोग नहीं करने से सामंजस्य बिठाना मुश्किल होगा। उन्होंने कहा, ”खिलाड़ियों के लिए इससे सामंजस्य बिठाना मुश्किल होगा और इसलिए मेरा मानना है कि यह अभ्यास की बात है, जिसे उन्हें धीरे-धीरे शुरू करना होगा क्योंकि आपको वापसी करते ही मैच नहीं खेलना है।”
पर्याप्त गेंदबाजी अभ्यास जरूरी होता है
कुंबले ने कहा, ”आप ढाई महीने बाद वापसी कर रहे हो और विशेषकर अगर आप गेंदबाज हो तो मैच में उतरने से पहले आपके लिए पर्याप्त गेंदबाजी अभ्यास जरूरी होता है। उन्होंने कहा कि समिति ने जल्द से जल्द क्रिकेट बहाल करने पर ध्यान देकर सिफारिशें की।”
कुंबले ने कहा, ”मैं जानता हूं कि गेंद को चमकाने को लेकर बहुत चर्चा चल रही है, लेकिन हमारा विचार जल्द से जल्द क्रिकेट शुरू करना था और इसके बाद मुझे विश्वास है कि चीजें सामान्य हो जाएंगी। हां कुछ चुनौतियां होंगी। आपको एक समय में एक मैच पर ध्यान देना होगा।”
उन्होंने कहा, ”हमने आईसीसी के जरिये विभिन्न बोर्ड को दिशानिर्देश दिए हैं, क्योंकि प्रत्येक देश की और देश के अंदर अपनी चुनौतियां है। भारत के अंदर ही देख लो उदाहरण के लिए महाराष्ट्र की अपनी चुनौतियां है और कर्नाटक की भिन्न चुनौतियां हैं।” इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच आगामी टेस्ट सीरीज के बारे में कुंबले ने कहा कि दो महीने से अधिक समय तक बाहर रहने वाले खिलाड़ियों के लिए मैच फिटनेस हासिल करना आसान नहीं होगा।