नई दिल्ली:लोक सभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने सभी सांसदों से आग्रह किया है कि वे कोविड 19 महामारी से लड़ने के लिए आवश्यक जांच किट, मास्क, पर्सनल प्रोटेक्शन किट और अन्य चिकित्सीय उपकरणों की उपलब्धता के लिए अपनी सांसद निधि (एमपीलैड फंड) से वित्तीय वर्ष 2020 -2021 के तहत कम से कम एक करोड़ रुपए देने का स्वीकृति सम्बन्धी सहमति प्रपत्र (कंसेंट फॉर्म) भरकर सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन कार्यान्वयन मंत्रालय को भेजें।
इस बीच राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा, मनोज तिवारी सहित कई सांसदों ने अपने एमपी लैड से एक करोड़ रुपए राशि कोविड – 19 से लड़ने के लिए देने का एलान किया है। कोविड – 19 महामारी के परिप्रेक्ष्य में जनप्रतिनिधियों की महत्वपूर्ण भूमिका का जिक्र करते हुए बिड़ला ने कहा कि ऐसे संकट में हमारा दायित्व और भी बढ़ जाता है।
सांसद सुनिश्चित करें न हो गरीबों को दिक्कत
उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि यह सुनिश्चित करें कि लॉकडाउन के कारण गरीबों और जरूरतमंदों को उनकी मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति में कोई बाधा उत्पन्न न हो। उन्होंने कहा कि सांसदों को सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके संसदीय क्षेत्रों में गरीब और अभावग्रस्त व्यक्तियों को जन-सहयोग द्वारा खाद्य सामग्रियों एवं रोजमर्रा की आवश्यकताओं की आपूर्ति होती रहे।
कोटा में राहत के लिए टीम
लोकसभा अध्यक्ष अपने संसदीय छेत्र के बारे में भी लगातार जानकारी हासिल कर रहे हैं। उन्होंने कोटा में रहने वाले बाहरी प्रदेशों के छात्रों की समस्या दूर करने के लिए भी टीम बनाई है। लोकसभा अध्यक्ष विभिन्न छेत्रों के सांसदों के भी संपर्क में हैं।
महाराष्ट्र में सीएम रिलीफ फंड
वहीं, महाराष्ट्र में भी कोरोना वायरस से लड़ने में जनता के योगदान के लिए ‘मुख्यमंत्री राहत कोष’ स्थापिक किया गया है। महाराष्ट्र में 85 वर्षीय एक डॉक्टर की मौत के बाद उनके कोराना वायरस से संक्रमित होने की शनिवार (28 मार्च) को पुष्टि हुई। इसके साथ राज्य में संक्रमण से मरने वाले लोगों की संख्या बढ़ कर छह हो गई। डॉक्टर की शुक्रवार (27 मार्च) को मौत हुई थी। उन्हें 26 मार्च को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वह पहले से ही मधुमेह से पीड़ित थे और अस्पताल के अनुसार उनके हृदय में एक पेसमेकर लगा हुआ था। अस्पताल ने यह जानकारी दी।
राज्यपाल ने पलायन पर मांगी रिपोर्ट
महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने शनिवार को सरकारी तंत्र को निर्देशित किया कि राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान देश के अन्य हिस्सों से प्रदेश में आने वालों और प्रदेश से बाहर जाने वालों को रोकें। उन्होंने राज्य में छह मंडलायुक्तों- नागपुर, अमरावती, नासिक, पुणे, कोंकण और औरंगाबाद- से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बात की और कोरोना वायरस महामारी के प्रभाव का जायजा लिया। राजभवन की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया कि बंद के दौरान बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूरों के महाराष्ट्र छोड़कर अपने मूल स्थान पलायन करने के मामलों पर संज्ञान लेते हुए राज्यपाल ने मंडलायुक्तों को निर्देश दिया कि वे जिला कलेक्टरों से कहें कि लोगों को राज्य से बाहर जाने से रोकें और उन्हें वहीं रहने के लिए कहें जहां वे हैं।