मुंबई:भारतीय टीम के बाएं हाथ के पूर्व स्पिनर प्रज्ञान ओझा विदेशी टी20 लीगों में खेलने के इच्छुक हैं, जिसके विकल्पों की तलाश के लिए वह बीसीसीआई की अनुमति लेंगे। ओझा ने पिछले सप्ताह अंतरराष्ट्रीय और प्रथम श्रेणी क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की थी। उन्होंने यहां डीवाई पाटिल टी20 कप के इतर कहा, ”मेरे दिमाग में कई चीजें हैं। मैं अभी कमेंट्री कर रहा हूं और बीसीसीआई के साथ हूं। मैं बीसीसीआई से सलाह लूंगा कि क्या मैं भारत से बाहर कुछ लीगों में खेल सकता हूं। मैं ऐसा तभी करूंगा जब मुझे इसके लिए अनुमति मिलेगी।”
प्रज्ञान ओझा ने ज्यादतातर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करिश्माई कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के नेतृत्व में खेला है। उन्होंने धोनी को गेंदबाजों का कप्तान करार दिया। उन्होंने कहा, ”वह (धोनी) गेंदबाजों के कप्तान है। मैं पूरी तरह से मानता हूं कि गेंदबाज के पास ऐसा कप्तान होना चाहिए जो उसे समझता है। बहुत से गेंदबाज धोनी की तारीफ करते हैं क्योंकि वे आपको जो आयाम देते हैं वह आपकी काफी मदद करता है।”
टेस्ट में 113 विकेट लेने वाले प्रज्ञान ओझा से जब पूछा गया कि क्या उन्हें अपने करियर में कोई पछतावा है तो उन्होंने कहा, ”शायद भारत के लिए और क्रिकेट खेला होता।” बता दें कि भुवनेश्वर के रहने वाले प्रज्ञान ओझा ने अपने ट्विटर अकाउंट पर दो पेजों का एक लेटर लिख कर अपने संन्यास की जानकारी दी थी। इसमें उन्होंने अपनी टीम के पूर्व कप्तान और साथियों का धन्यवाद दिया।
प्रज्ञान ओझा ने 2008 में भारत की वनडे टीम में डेब्यू किया था। इसके बाद से साल 2013 तक उन्होंने तीनों फॉर्मेट के मैचों में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया। सबसे तेजी से 100 विकेट चटकाने वाला भारतीय गेंदबाज होने के बावजूद प्रज्ञान ओझा के गेंदबाजी एक्शन को लेकर एक समय सवाल उठाए गए थे।
ओझा ने 24 टेस्ट में 113 विकेट और 18 वनडे में 21 विकेट चटकाए हैं। इसके अलावा छह टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में उनके नाम पर 10 विकेट दर्ज हैं। उन्होंने टीम इंडिया की तरफ से आखिरी मैच 2013 में खेला था।