बोईसर। महातपस्वी आचार्य श्री महाश्रमण जी के शिष्य मुनि श्री जीनेश कुमार जी थाना 2 के सानिध्य में जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा द्वारा संस्कार निर्माण शिविर का जैन उपाश्रय में आयोजन किया गया जिसमें ज्ञानशाला बोइसर ,पालघर, सपाले, पाठशाला, बोइसर के लगभग 180 बच्चों ने भाग लिया।
इस अवसर पर बच्चों को संबोधित करते हुए मुनि श्री जीनेश कुमार जी ने कहा आज का बच्चा ही कल का बादशाह है। आज के बच्चे कल देश के कर्णधार बनेंगे इसलिए बाल पीढ़ी को संस्कारित करना बहुत जरूरी है। संस्कार जीवन की अनमोल धरोहर है। संस्कारों से ही जीवन आनंदमय बनता है ।मुनि श्री जीनेश कुमार जी ने एकाग्रता स्मृति विकास के प्रयोग कराते हुए कहा चंचलता वर्तमान युग की समस्या है । इससे निपटने के लिए एकाग्रता का विकास जरूरी है ।एकाग्रता के विकास के लिए महाप्राण ध्वनि, ज्ञान मुद्रा, ज्ञान केंद्र पर पीले रंग का ध्यान, कान खींचिए बुद्धि बढ़ाइए, आदि ध्यान योग के प्रयोग नियमित करना चाहिए मुनि श्री ने बच्चों को विशेष प्रशिक्षण दिया।
इस अवसर पर प्रशिक्षण देते हुए मुनि परमानंद ने कहा संस्कारों के सृजन के लिए शिविरों की बहुत आवश्यकता है ।संस्कार निर्माण से ही व्यक्ति जीवन जीने की कला सीखता है। अनेक बच्चों ने संतों की प्रेरणा से खाना खाते समय टीवी मोबाइल देखने का 1 महीने तक का त्याग किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में तेरापंथी सभा, तेरापंथ युवक परिषद, तेरापंथ महिला मंडल, व ज्ञानशाला शिक्षिकाओं का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
इस अवसर पर ज्ञानशाला शिक्षिकाओं की भी संगोष्ठी आयोजित हुई। जिसमें मुनि श्री जीनेश कुमार जी ने कहा जीवन में ज्ञान का बहुत बड़ा महत्व है ।ज्ञानार्थी को पढ़ाने के लिए शिक्षक को भी ज्ञानवान होना जरूरी है। शिक्षक इतना समय प्रतिबद्ध अनुशासित होगा उतना ही बच्चों पर प्रभाव पड़ेगा। शिक्षक बच्चों को प्रेम से पढ़ाएं जिससे बच्चों में संस्कारों का निर्माण हो सकेगा ।इस अवसर पर अच्छी संख्या में शिक्षिकाएं उपस्थित थी।
बोइसर में संस्कार निर्माण शिविर का आयोजन, संस्कार जीवन की अनमोल धरोहरः मुनि जिनेश कुमार
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