मुंबई:कॉरपोरेट अफेयर्स मिनिस्ट्री के मुंबई ऑफिस ने जेट एयरवेज के फाउंडर और पूर्व चेयरमैन नरेश गोयल को देश छोड़ने से रोकने की कोशिश लगभग एक महीना पहले शुरू कर दी थी। मुंबई के इंटरनैशनल एयरपोर्ट पर शनिवार को एक नाटकीय घटनाक्रम में एयर ट्रैफिक कंट्रोल ने एमिरेट्स की दुबई रवाना होने के लिए तैयार उड़ान को इमिग्रेशन अथॉरिटीज के निवेदन पर वापस बुलाया था। इस उड़ान में गोयल और उनकी पत्नी सवार थे। वे इमिग्रेशन जांच पूरी करने के बाद फर्स्ट क्लास में बैठे थे और उन्हें नीचे उतरने के लिए कहा गया।
गोयल दंपती को बताया गया कि उनकी विदेश यात्रा पर रोक लगी है। यह कदम कॉरपोरेट अफेयर्स मिनिस्ट्री के निवेदन पर जारी लुक आउट सर्कुलर (LoC) के अनुसार उठाया गया था।
इस बारे में पूछने के लिए भेजी गई ईमेल का जेट एयरवेज ने उत्तर नहीं दिया। गोयल टिप्पणी के लिए उपलब्ध नहीं थे।
जेट एयरवेज ने वित्तीय संकट के बाद अपनी उड़ानें बंद कर दी थीं। कॉरपोरेट अफेयर्स मिनिस्ट्री का मुंबई ऑफिस जेट एयरवेज के मामलों की जांच कर रहा है। सूत्रों ने बताया कि मिनिस्ट्री ने जेट के खातों में कई ट्रांजैक्शंस को ‘संदिग्ध’ पाया था और एयरलाइन के कामकाज और इसके डायरेक्टर्स की भूमिका की विस्तृत जांच की सिफारिश की थी। मिनिस्ट्री को गोयल दंपती के देश छोड़ने की आशंका थी और इस वजह से इसने लगभग एक महीना पहले होम मिनिस्ट्री को उनके खिलाफ LoC जारी करने का निवेदन किया था।
अथॉरिटीज की ओर से जारी LoC यह जांचने के लिए एक सर्कुलर होता है कि यात्रा करने वाले व्यक्ति की कानून प्रवर्तन एजेंसियों को तलाश है या नहीं। इसका इस्तेमाल एयरपोर्ट और सीपोर्ट पर इमिग्रेशन जांच पर किया जा सकता है।
विजय माल्या, नीरव मोदी, मेहुल चोकसी और जतिन मेहता सहित कई हाई प्रोफाइल आर्थिक अपराधियों के देश से फरार होने के बाद सरकार ने कॉरपोरेट अफेयर्स मिनिस्ट्री के तहत आने वाले सीरियस फ्रॉड इनवेस्टिगेशन ऑफिस और सरकारी बैंकों को विलफुल डिफॉल्टर्स पर नजर रखने के लिए LoC जारी करने का निवेदन करने की पिछले वर्ष शक्ति दी थी।
कॉरपोरेट अफेयर्स मिनिस्ट्री के मुंबई ऑफिस ने जेट एयरवेज के बही खातों की जांच इस वर्ष फरवरी में शुरू की थी। इससे लगभग आठ महीने पहले मिनिस्ट्री ने इसे एयरलाइन में फंड की गड़बड़ी के आरोपों की जांच करने का निर्देश दिया था। एक सूत्र ने बताया कि बही खातों की जांच में बहुत सी ट्रांजैक्शंस को ‘संदिग्ध’ पाया गया था।
जेट एयरवेज के स्लॉट्स अन्य एयरलाइंस को दिए जा रहे हैं। जेट को खरीदने में इनवेस्टर्स ने अधिक दिलचस्पी नहीं दिखाई है।
गोयल पर महीनेभर से थी नजर
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