नई दिल्ली:भारत और पाकिस्तान सीमा पर तनावपूर्ण हालात के बीच कांग्रेस एवं कई अन्य विपक्षों की दलों की बैठक बुधवार को बैठक हुई। इस बैठक के बाद कांग्रेस समेत 21 विपक्षी दलों ने संयुक्त साझा बयान जारी किया। इस बयान में विपक्षी दलों ने कहा कि सत्ताधारी दल के नेताओं द्वारा हमारे जवानों की शहादत का राजनीतिकरण करने पर सभी नेताओं ने गंभीर चिंता व्यक्त की है। इस बैठक में सीमा पर मौजूदा हालात तथा पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारतीय वायुसेना द्वारा पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकी शिविरों पर की गई बमबारी पर मुख्य रूप से चर्चा हुई।
पहले यह बैठक विपक्षी दलों के बीच लोकसभा चुनाव के लिए न्यूनतम साझा कार्यक्रम तय करने के लिए होनी थी, लेकिन इस बैठक में कोई चर्चा नहीं हुई। विपक्षी दलों ने कहा कि हम वायुसेना की कार्रवाई पर गर्व है।
संसद की लाइब्रेरी बिल्डिंग में हुई इस बैठक में यूपीए प्रमुख सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, पार्टी के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, तेलुगू देशम पार्टी के प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू, तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के शरद पवार, माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह और कई अन्य विपक्षी दलों के नेता शामिल हुए।
वहीं भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनावपूर्ण हालात को देखते हुए कांग्रेस ने अपनी सर्वोच्च नीति निर्धारण इकाई कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बृहस्पतिवार को प्रस्तावित बैठक स्थगित कर दी है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला के मुताबिक राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े हालात के मद्देनजर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सीडब्ल्यूसी की बैठक के साथ ही जनसभा को भी स्थगित किया है। ये दोनों कार्यक्रम बृहस्पतिवार को अहमदाबाद में होने थे।
सीडब्ल्यूसी की बैठक को आगामी लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी की तैयारियों एवं रणनीति की लिहाज से महत्वपूर्ण माना जा रहा था। सूत्रों के मुताबिक सीडब्ल्यूसी की यह बैठक कब होगी, इस बारे में फिलहाल कोई निर्णय नहीं हुआ है।
गौरतलब है कि पाकिस्तान के लड़ाकू विमानों ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर के पुंछ और नौशेरा सेक्टर में भारतीय हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया लेकिन भारतीय विमानों ने उन्हें खदेड़ दिया। इससे पहले मंगलवार तड़के भारतीय विमानों ने पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी शिविरों पर बमबारी की थी। यह कार्रवाई पुलवामा आतंकी हमले के जवाब में की गई थी। पुलवामा हमले में सीआरपीएफ के कम से कम 40 जवान शहीद हो गए थे।