नई दिल्ली। सामाजिक सरोकारों और सेवा के क्षेत्र में निरंतर सक्रिय भूमिका निभा रही अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद (ABTYP) ने एक और ऐतिहासिक उपलब्धि अपने नाम की है। हाल ही में इस संस्था को Wikipedia जैसे वैश्विक ज्ञानकोश में आधिकारिक रूप से शामिल किया गया है। यह उपलब्धि न केवल परिषद के 6 दशकों से अधिक के समर्पित सेवा कार्यों की पुष्टि है, बल्कि यह समस्त तेरापंथ समाज की वैचारिक और सामाजिक विरासत का वैश्विक स्तर पर सम्मान भी है।
Wikipedia जैसी निष्पक्ष और विश्वसनीय जानकारी के मंच पर सूचीबद्ध होना किसी भी संगठन की सार्वजनिक प्रामाणिकता और वैश्विक स्वीकार्यता का प्रतीक होता है। ABTYP ने सेवा, संस्कार और संगठन के त्रै आयामों को लेकर जिस निरंतरता और प्रतिबद्धता से कार्य किया है, उसी का परिणाम है यह ऐतिहासिक मान्यता।
संस्थागत परिचय: अध्यात्म और सेवा का संगम
अभातेयुप, जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के अधीन कार्यरत एक राष्ट्रीय स्तर का युवा संगठन है, जिसकी स्थापना आचार्य श्री तुलसी के प्रेरक मार्गदर्शन में 1964 में हुई थी। वर्तमान में यह संस्था आचार्य श्री महाश्रमण जी के आध्यात्मिक नेतृत्व में कार्यरत है। भारत और नेपाल सहित 360 से अधिक शाखा परिषदों और 45,000+ से अधिक सक्रिय युवाओं का यह संगठन सेवा, नैतिकता और नेतृत्व का जीवंत उदाहरण बन चुका है।
कार्य और उपलब्धियाँ: जब संकल्प बन जाए सेवा
मेगा ब्लड डोनेशन ड्राइव (MBDD): एक ही दिन में देशभर में रक्तदान कर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड जैसे प्रतिष्ठानों में स्थान पाना, ABTYP की संगठनात्मक क्षमता और जनसेवा की भावना को दर्शाता है।
आचार्य तुलसी डायग्नोस्टिक सेंटर एवं आचार्य महाप्रज्ञ मेडिकल्स: कम लागत पर जाँच और दवा की सुविधाएँ ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों तक पहुँचाई जा रही हैं।
नेत्रदान अभियान: प्रति वर्ष 1000+ नेत्रदान कर अंधकार से जूझ रहे जीवन में रोशनी पहुंचाना परिषद का संवेदनशील पहलू है।
तेरापंथ टास्क फोर्स एवं आपदा राहत: NDRF के सहयोग से युवाओं को आपदा प्रबंधन व प्राथमिक चिकित्सा का प्रशिक्षण देकर ज़रूरतमंदों की सेवा में तैनात किया गया है।
व्यक्तित्व विकास और नेतृत्व निर्माण: ‘मेक योर मार्क’, ‘दयित्व बोध’, ‘कॉन्फिडेंट पब्लिक स्पीकिंग’ जैसी कार्यशालाएँ युवाओं को संवाद, नेतृत्व और प्रबंधन में निपुण बनाती हैं।
विहार सेवा: संगठन के हजारों युवक साधु-साध्वियों के विहार में समर्पित रूप से सेवा कर आध्यात्मिक मार्ग का साक्षात अभ्यास करते हैं।
शैक्षणिक और वैचारिक मंच: ‘आचार्य तुलसी जैन हॉस्टल’, ‘जीवन विज्ञान परीक्षा’, ‘युवादृष्टि’ (हिन्दी मासिक) और ‘Ingenious Yuva’ (अंग्रेज़ी मासिक) जैसे प्रकल्प युवाओं को बौद्धिक और भावनात्मक रूप से संपन्न बनाते हैं।
Wikipedia पर मान्यता: एक वैश्विक पहचान: इस गौरवमयी अवसर पर परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री रमेश डागा ने कहा: “यह उपलब्धि अभातेयुप की ही नहीं, समूचे तेरापंथ समाज के लिए गर्व का विषय है। विकिपीडिया पर हमारी उपस्थिति यह दर्शाती है कि हमारा संगठन पारदर्शिता, सेवा और नैतिकता के वैश्विक मानकों पर खरा उतरता है। यह हमें आने वाले समय में और भी अधिक संगठित, प्रेरित और परिणामोन्मुखी कार्य करने की प्रेरणा देगा।”
युवाओं के लिए दिशा, दृष्टि और दायित्व का केंद्र: आज जब राष्ट्र को सकारात्मक सोच, सेवा भाव और संस्कारित नेतृत्व की ज़रूरत है, अभातेयुप एक ऐसा मंच बनकर उभरा है जहाँ युवाओं की ऊर्जा को रचनात्मक दिशा दी जा रही है। यह संगठन केवल जैन समाज तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसके विचार और प्रयास राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।