राघवेन्द्र प्रताप सिंह कैसरगंज, बहराइच (उ.प्र.)। नगर पंचायत कैसरगंज के हनुमान मंदिर तिराहे पर ट्रैफिक जाम की समस्या ने स्थानीय निवासियों और राहगीरों का जीना मुहाल कर दिया है। पूरे दिन यहां वाहनों की लंबी कतारें लगी रहती हैं, जिससे लोगों को घंटों इंतजार करना पड़ता है। मुख्य कारणों में बैटरी रिक्शाओं का अंधाधुंध संचालन, गलत दिशा में वाहन चलाना, दिल्ली जाने वाली प्राइवेट बसों का सड़क पर ही सवारियां बिठाना और पटरी दुकानदारों का अतिक्रमण शामिल है। इस समस्या ने पूरे कैसरगंज बाजार की यातायात व्यवस्था को चरमरा दिया है, और स्थानीय प्रशासन की उदासीनता से लोगों में आक्रोश बढ़ रहा है।
कैसरगंज, जो बहराइच जिले का एक महत्वपूर्ण कस्बा है, यहां से होकर गुजरने वाली मुख्य सड़कें लखनऊ, दिल्ली और अन्य शहरों को जोड़ती हैं। हनुमान मंदिर तिराहा इस इलाके का व्यस्ततम चौराहा है, जहां दैनिक बाजार, दुकानें और धार्मिक स्थल होने के कारण हमेशा भीड़ रहती है। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में ट्रैफिक की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। स्थानीय निवासी रामेश्वर प्रसाद बताते हैं, “सुबह से शाम तक जाम लगा रहता है। बैटरी रिक्शा वाले जहां-तहां रुक जाते हैं, गलत साइड से आते हैं। ऊपर से दिल्ली वाली बसें रोड पर ही सवारियां चढ़ाती-उतारती हैं, जिससे पूरा ट्रैफिक ठप हो जाता है।” समस्या की जड़ में बैटरी रिक्शाओं का अनियंत्रित परिचालन है। ये ई-रिक्शा सस्ते और सुविधाजनक होने के कारण बड़ी संख्या में बाजार में चल रहे हैं, लेकिन इनके चालक यातायात नियमों की अनदेखी करते हैं। गलत दिशा में चलना, ओवरटेकिंग और बिना सिग्नल के मोड़ना आम बात है।
एक स्थानीय दुकानदार सुनीता देवी कहती हैं, “ये रिक्शा वाले बाजार की सड़कों को पार्किंग बना देते हैं। पटरी पर दुकानें लगाने वाले भी फुटपाथ घेर लेते हैं, जिससे पैदल चलने वाले को भी जगह नहीं मिलती। नतीजा, पूरा बाजार जाम में फंस जाता है।” दूसरी प्रमुख वजह दिल्ली और अन्य महानगरों को जाने वाली प्राइवेट बसें हैं। ये बसें निर्धारित बस स्टैंड की बजाय मुख्य सड़क पर ही रुककर सवारियां बिठाती हैं। इससे न केवल ट्रैफिक रुकता है, बल्कि दुर्घटनाओं का खतरा भी बढ़ जाता है। कैसरगंज बस परिचालक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “प्रशासन की ओर से कोई सख्ती नहीं है। बस स्टैंड पर सुविधाएं कम हैं, इसलिए ड्राइवर सड़क पर ही रुकते हैं। लेकिन इससे आम लोगों को परेशानी हो रही है।” पटरी दुकानदारों का अतिक्रमण भी इस समस्या को बढ़ावा दे रहा है। बाजार की सड़कों के किनारे फल-सब्जी, चाट-पकौड़ी और अन्य सामान बेचने वाले दुकानदार फुटपाथ और सड़क के हिस्से पर कब्जा कर लेते हैं। इससे वाहनों के लिए जगह कम हो जाती है और जाम की स्थिति बन जाती है।
कैसरगंज में हनुमान मंदिर तिराहे पर रोजाना लगता है जाम, बैटरी रिक्शा और अव्यवस्थित बसें जिम्मेदार

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