नई दिल्ली:पाकिस्तान के पूर्व कप्तान और कोच मिसबाह उल हक ने कहा कि पाकिस्तान क्रिकेट में तब तक कुछ नहीं बदलेगा, जब तक बलि का बकरा बनाने का कल्चर खत्म नहीं होगा। टी20 वर्ल्ड कप के कुछ दिन पहले ही मिसबाह और बॉलिंग कोच वकार यूनिस ने अपने-अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। मिसबाह ने अपने पद से इस्तीफा देने के बाद पहली बार इस मुद्दे पर कुछ खुलकर बोला है। मिसबाह ने कहा कि ऊप-ऊपर से चीजें ठीक कर देने से कुछ ठीक नहीं होगा, क्योंकि सिस्टम में काफी अंदर तक दिक्कतें हैं।
ए-स्पोर्ट्स चैनल पर मिसबाह ने कहा, ‘हमारे क्रिकेट के साथ दिक्कत यह है कि हम सिर्फ रिजल्ट देखते हैं, हमारे अंदर धैर्य नहीं है कि हम आगे के लिए प्लानिंग कर सकें और सिस्टम को सुधार सकें। हम इस बात पर फोकस ही नहीं करते हैं कि हमें अपने खिलाड़ियों को डोमेस्टिक लेवल पर बेहतर बनाना होगा और उनकी स्किल्स डेवलपमेंट पर ध्यान देना होगा। हमें रिजल्ट्स चाहिए होते हैं और अगर रिजल्ट हमारे मन मुताबिक नहीं मिलता तो हम बलि का बकरा ढूंढ़ने लग जाते हैं।’
उन्होंने आगे कहा, ‘दुर्भाग्य से पाकिस्तान क्रिकेट में बलि का बकरा ढूंढ़ना एक नियम बन गया है। कोई भी मैच या सीरीज हारने के बाद हम अपना चेहरा बचाने के लिए कोई बलि का बकरा ढूंढ़ने लग जाते हैं। अगर इस तरह से हम कॉस्मेटिक सर्जरी ही करते रहेंगे, तो इससे कुछ हासिल नहीं होगा। आप खिलाड़ी बदल सकते हैं कोच बदल सकते हैं, लेकिन अंत में जो दिक्कत है वह बनी रहेगी। ‘