नई दिल्ली: जनरल बिपिन रावत जल्द ही रूस और अमेरिका की यात्रा पर जा सकते हैं। चीफ आफ डिफेंस स्टाफ (CDS) का पद संभालने के बाद उनकी यह पहली विदेश यात्रा होगी। रावत ने 31 दिसंबर, 2019 को सीडीएस के रूप में अपना नया कार्यभार संभाला था। तब से लेकर वह रक्षा क्षेत्रों में कार्य करने के लिए कई विदेशी आमंत्रणों को अस्वीकार कर चुके हैं।
सीडीएस-रैंक के अधिकारियों का एक सम्मेलन, अफगानिस्तान के विषय पर भी हो सकती है बातचीत
वरिष्ठ रक्षा अधिकारियों ने बताया कि शंघाई सहयोग समझौते के सदस्य देशों के सीडीएस-रैंक के अधिकारियों का एक सम्मेलन है। चीन और पाकिस्तान भी इस समूह का हिस्सा हैं। उन्होंने कहा कि सीडीएस सम्मेलन क्षेत्रीय सुरक्षा बिंदुओं को संबोधित करने पर केंद्रित हो सकता है और अफगानिस्तान के विषय प भी बातचीत हो सकती है। सीडीएस रूस में हो रहे एससीओ शांति मिशन अभ्यासों में संबंधित सशस्त्र बलों की गतिविधियों का भी गवाह बनेगा। भारतीय सेना और वायुसेना भी हिस्सा लेगी।
अगले हो सकता है विदेशी दौरा, पहले करेंगे रूस की यात्रा
उन्होने बताया कि यह दौरा आने वाले सप्ताह में होगा और रूस से लौटने के तुरंत बाद रावत पेंटागन पर अपने समकक्ष और अन्य अमेरिकी सेना प्रबंधन से मुलाकात के लिए अमेरिका के लिए रवाना हो सकते हैं। उन्होंने बताय कि दोनों देश पिछले कुछ वर्षों में सैन्य रूप से करीब आ रहे हैं और कई सैन्य अभ्यास और हार्डवेयर सहयोग कर रहे हैं। भारतीय सेना ने नरेंद्र मोदी सरकार के तहत गंभीर बदलाव देखे हैं। क्योंकि मुख्य लक्ष्य अब लड़ाकू बलों के साथ-साथ अतिरिक्त क्षमताओं और संयुक्तता लाने पर है।
बता दें कि हाल ही में बिपिन रावत ने कहा था कि आने वाले समय में चीन और ज्यादा आक्रामक होकर सामने आएगा। उसको ध्यान में रखकर हमें और दुनिया को तैयारी करनी है। चूंकि हमारी जमीनी सीमा चीन के साथ लगती है, इसलिए हमें ज्यादा सतर्क रहना होगा और तैयारी रखनी होगी। हमारे लिए दोतरफा चुनौती है। पश्चिम की ओर पाकिस्तान है जबकि उत्तर की ओर चीन, हमें दोनों से सतर्क रहना है।