मुंबई: मुंबई क्रिकेट के द्रोणाचार्य माने जाने वाले कोच वासु परांजपे का 82 वर्ष की उम्र में सोमवार को निधन हो गया। उनके परिवार में पत्नी ललिता, दो बेटियां और बेटा जतिन है। पूर्व भारतीय दिग्गज बल्लेबाज सुनील गावस्कर को सनी नाम उन्होंने ही दिया था। गावस्कर और सचिन तेंदुलकर ने उनके निधन पर शोक जताया। भारतीय क्रिकेट खासकर मुंबई क्रिकेट के साथ छह दशक तक परांजपे विभिन्न भूमिकाओं में जुड़े रहे।
वासु परांजपे ने मुंबई की टीम के साथ कोच, चयनकर्ता, मेंटर और सलाहकार के रूप में काम किया। उन्होंने 29 प्रथम श्रेणी मैचों में 785 रन बनाए, लेकिन इन आंकड़ों से उनकी महानता बयां नहीं होती। खेल का उनका ज्ञान और खिलाड़ियों की मानसिकता पर काम करने की खूबी उन्हें खास बनाती थी। वह दादर यूनियन टीम के कप्तान रहे जहां से सुनील गावस्कर और दिलीप वेंगसरकर जैसे धुरंधर निकले।
इतना ही नहीं, वासु परांजपे ने राहुल द्रविड़ को 14 साल की उम्र में बता दिया था कि वे आगे चलकर दमदार खिलाड़ी बनेंगे और ये सभी ने देखा कि राहुल द्रविड़ ने अपने करियर में क्या किया। वे टेस्ट क्रिकेट की दीवार के रूप में जाने गए और कप्तान के अलावा विकेटकीपर के तौर पर भी उन्होंने साबित किया था कि वे हर जिम्मेदारी को संभाल सकते हैं। ये पराजंपे की भविष्यवाणी नहीं, बल्कि पारखी नजर थी, जिससे वे सभी को पहचानते थे।
सुनील गावस्कर ने सनी डेज में लिखा, “उनकी कप्तानी उनकी बल्लेबाजी की तरह ही गतिशील थी और उन्हें एक चुनौती पसंद थी।” इस महान बल्लेबाज को अपने गुरु को अंतिम विदाई देने के लिए सोमवार को परांजपे के आवास पर पहुंचने की जल्दी थी। वहीं, संदीप पाटिल शहर से बाहर थे, लेकिन वे गमगीन दिखे। उन्होंने मिड-डे से कहा, “यह मुंबई और भारतीय क्रिकेट के लिए बहुत बड़ी क्षति है। मेरे क्रिकेट में मेरी मदद करने के अलावा (वह रुइया कॉलेज में मेरे कोच थे), वासु ही थे जिन्होंने दीपा से मेरी शादी में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। यह वासु ही थे जिन्होंने हमारे दोनों परिवारों के बीच एक बैठक आयोजित की और मैं हमेशा उनका बहुत आभारी हूं। उन्होंने निरलॉन टीम को कोचिंग दी जिसका मैं हिस्सा था।”