नई दिल्ली:भारतीय सेना ने करीब 14 हजार करोड़ रुपये की लागत से आकाश-एस वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली की दो रेजीमेंट और 25 आधुनिक हल्के हेलीकाप्टरों (एएलएच) की खरीद का प्रस्ताव भेजा है। रक्षा क्षेत्र में मेक इन इंडिया कार्यक्रम की यह बड़ी सफलता है।सूत्रों ने बताया, प्रस्ताव रक्षा मंत्रालय के पास पहुंच गया है और जल्द ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय बैठक में इसे मंजूरी देने पर फैसला लिया जा सकता है।
बेहद सर्द हालात में काम करने सक्षम हैं ये मिसाइलें
आकाश-एस मिसाइलें दरअसल आकाश मिसाइल प्रणाली का नया संस्करण हैं। इसमें नया स्वदेशी ‘सीकर’ लगा है, जो दुश्मन के विमान या क्रूज मिसाइल को ज्यादा सटीकता के साथ 25-30 किमी दूर मार गिराने में मदद करता है। ये मिसाइलें लद्दाख के बेहद सर्द हालात में काम करने सक्षम हैं और चीन व पाकिस्तान से लगती सीमाओं पर पर्वतीय एवं अन्य क्षेत्रों में सेना की सभी जरूरतों को पूरा करेंगी।
सेना में पहले से इस्तेमाल की जा रही है यह मिसाइल
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित इस मिसाइल प्रणाली को सेना पहले से इस्तेमाल कर रही है और आने वाले दिनों में इसका अधिक उन्नत संस्करण शामिल करने की योजना है। सेना अपनी विमान स्क्वाड्रन के लिए 25 एएलएच ध्रुव मार्क-3 हेलीकाप्टरों की खरीद भी करना चाहती है। सेना इन हेलीकाप्टरों की देश में सबसे बड़ी आपरेटर है और हिंदुस्तान एरोनाटिक्स लिमिटेड द्वारा निर्मित इन हेलीकाप्टरों में सुधार के लिए उसने मदद भी की है।
नौसेना स्टार्टअप से खरीदेगी स्वदेशी रोबोटिक लाइफबायज
नई दिल्ली, आइएएनएस : भारतीय नौसेना ने देश में पहली बार विकसित रोबोटिक लाइफबायज की खरीद के लिए विशाखापट्टनम स्थित ‘सैफ सीज’ नामक स्टार्टअप के साथ 13 करोड़ रुपये के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं। रोबोटिक लाइफबायज स्वचालित हैं और इसमें जल क्षेत्र में फंसे व्यक्ति का पता लगाने और उसे निकालने के लिए सेंसर्स और इलेक्ट्रानिक उपकरण लगे हैं। इसे इनोवेशंस फार डिफेंस एक्सीलेंस (आइडीईएक्स) चैलेंज ‘अनमैंड सरफेस व्हीकल्स’ के तहत विकसित किया गया है।