जेनेवा: संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) की प्रमुख मिशेल बेशलेट ने मंगलवार को कहा कि अफगानिस्तान में तालिबान आम लोगों के साथ ही पूर्व सरकार के सैनिकों की हत्याएं कर रहा है। हालांकि, उन्होंने इसका ब्योरा नहीं दिया। उन्होंने कहा कि उनके पास तालिबान के मानवाधिकार के उल्लंघन संबंधी घटनाओं को लेकर भरोसेमंद सूत्रों से रिपोर्ट मिली है।
तालिबान की हरकतों पर नजर रखने के लिए विकसित हो प्रणाली
उन्होंने जेनेवा फोरम से आग्रह किया कि वह तालिबान की हरकतों पर नजर रखने के लिए एक प्रणाली विकसित करें। उन्होंने कहा कि तालिबान महिलाओं के साथ जैसे बर्ताव है वह मूलत: खतरे के निशान को पार कर गया है।
अफगान में तालिबान शासन के चलते महिलाओं, पत्रकारों और नई पीढ़ी के लिए खतरा बढ़ा
पाकिस्तान और 57 इस्लामिक देशों के संगठन ओआइसी की अपील पर हो रही फोरम की आपात बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में तालिबान शासन के चलते महिलाओं, पत्रकारों और नई पीढ़ी के सिविल कार्यकर्ताओं के लिए खतरा बेहद बढ़ गया है। अफगानिस्तान की मूल जनजातीयों और धार्मिक अल्पसंख्यकों पर भी जान का खतरा है।
अपदस्थ सरकार के राजनयिक अंदिशा ने कहा- अफगानिस्तान के हालात गंभीर
अफगानिस्तान की अपदस्थ सरकार के राजनयिक नासिर अहमद अंदिशा ने अपने देश के हालात को गंभीर बताया और उसके लिए तालिबान को जिम्मेदार ठहराने की अपील की।
चीन ने कहा- अफगानिस्तान की हालात के लिए अमेरिका और नाटो देश जिम्मेदार
संयुक्त राष्ट्र में चीन के दूत चेन झू ने कहा कि अफगानिस्तान के मौजूदा हालात के लिए अमेरिका और नाटो के सदस्य देशों को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।